इंदौर : कथा, कविता, साहित्य, चित्रकला, पत्रकारिता, सम्पादन और अन्य कई विधाओं को अपने में समेटे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी श्रीकृष्ण बेडेकर शहर का जाना पहचाना नाम है। उन्होंने पत्रसारांश प्रतिष्ठान नामक संस्था की स्थापना की है। इस संस्था के जरिये वे प्रतिवर्ष श्रेष्ठ मराठी दिवाली अंक को गुणवैभव पुरस्कार प्रदान करते हैं।अबतक 20 दिवाली अंकों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। इसी कड़ी में 21वा गुणवैभव पुरस्कार समारोह शनिवार 14 सितंबर को इंदौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागार में आयोजित किया गया। ख्यात लेखक और वक्ता सच्चिदानंद शेवड़े कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
श्री शेवड़े के हाथों चयनित मराठी दिवाली अंक ‘थिंक पॉजिटिव, पुणे’ के प्रकाशक यमाजी मालकार व प्रभाकर भोसले और ‘अमितव, नासिक की प्रकाशक डॉ. मनीषा जगताप को ‘गुणवैभव पुरस्कार’ से नवाजा गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें स्मृतिचिन्ह, प्रशस्तिपत्र और 5 – 5 हजार की निधि भेंट की गई।
गुणवैभव पुरस्कार से नवाजे गए यमाजी मालकर और प्रभाकर भोसले ने पुरस्कार के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा ‘थिंक पॉजिटिव’ दिवाली अंक निकालने का उद्देश्य सकारात्मक बातों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली अंक में अकेलेपन पर दिए गए आलेखों के जरिये अकेले पन को अवसर में बदलने पर जोर दिया गया है। अकेलेपन से आनंद का सफर कैसे तय किया जा सकता है, इसी बात को ‘थिंक पॉजिटिव’ में प्रमुखता से उठाया गया है।
पुरस्कृत दिवाली अंक ‘अमितव’ की प्रकाशक डॉ. मनीषा जगताप ने कहा कि वे पेशे से गायनेकोलॉजिस्ट हैं। साहित्यकारों के संपर्क में आने से उनमें साहित्य और लेखन के प्रति रुचि जाग्रत हुई। इसी का परिणाम ‘अमितव’ के प्रकाशन के रूप में सामने आया। डॉ. श्रीमती जगताप ने बताया कि अमितव का मतलब असीमित होता है। पहले अंक में उन्होंने संघर्ष कर समाज में अपनी पहचान बनानेवाली महिलाओं को स्थान दिया था।
पत्रसांरांश के सहयोगियों का सम्मान।
पत्रसांरांश प्रतिष्ठान के कार्यों में सहयोग देनेवाले स्वदेश शर्मा, उदय इंगले, परशुराम गीद, अभय माणके, मो. जफर, प्रवीण चव्हाण, शंभु गोडबोले, दिलीप भालेराव और सोनाली हर्डिकर का भी श्री शेवड़े व श्री बेडेकर ने पुस्तक भेंटकर स्वागत किया।
इंदौर प्रेस क्लब ने किया बेडेकर का सम्मान।
कार्यक्रम के दौरान इंदौर प्रेस क्लब की ओर से अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने श्री बेडेकर को उनके अच्छे उपक्रम के लिए बधाई देते हुए सम्मानित किया।
कश्मीर से धारा 370 हटाना सही कदम।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में मुख्य अतिथि सच्चिदानंद शेवड़े ने अपने विचार रखे। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रभावी उद्बोधन दिया। श्री शेवड़े ने कश्मीर में रहकर वहां की स्थिति को करीब से देखा और समझा। बाद में उन्होंने ‘कश्मीरनामा’ शीर्षक से किताब भी लिखी। श्री शेवड़े ने कश्मीर के इतिहास से लेकर वर्तमान हालात का सिलसिलेवार वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मामले को उलझाने का काम माउंट बेटन ने किया था। महाराजा हरीसिंह ने कश्मीर का भारत में विलय बिना शर्त किया था। तत्कालीन पीएम नेहरू सैन्य कार्रवाई को नहीं रोकते तो पीओके अस्तित्व में ही नहीं आता और न ही चीन, अक्साई चीन का हिस्सा हड़प सकता था। श्री शेवड़े ने कहा कि धारा 370 अस्थाई रूप से जोड़ी गई थी। उसे हटाकर कोई गलती नहीं कि गई है। कश्मीर को हमेशा केवल घाटी के नजरिये से देखा गया जबकि उसे समग्र रूप से देखा जाना चाहिए था। लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाकर उसके साथ अबतक हुए अन्याय की भरपाई की गई है।
कार्यकम के प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन किया गया। सरस्वती वंदना सपना केकरे ने पेश की। अतिथि परिचय उदय इंगले ने दिया। अतिथि स्वागत श्रीकृष्ण बेडेकर ने किया। संचालन अंजली बापट ने किया। श्री बेडेकर के कृतज्ञता ज्ञापित करने के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।