इंदौर : शहर में निजी क्लीनिक खोलने का रास्ता साफ हो गया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने शहर के 500 से ज्यादा चिकित्सकों की बैठक नेहरू स्टेडियम में बुलाई थी, उसी में ये फैसला लिया गया। इस दौरान आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कलेक्टर ने चिकित्सकों से कहा कि वे पहले की तरह कोई गलती ना दोहराए। पहले 50 मरीज रोज देखते हों तो अब सावधानीपूर्वक केवल 20 मरीज ही देखें। क्लीनिक में किसी भी तरह की भीड़ भाड़ नहीं लगाएं। हो सके तो मरीजों को अपॉइंटमेंट देकर एक समय में एक ही मरीज को क्लीनिक पर बुलाएं।
शाम 6 बजे तक ही खुला रख सकते हैं क्लीनिक..
कलेक्टर ने कहा कि शहर में आम मरीजों की सुविधा के लिए आपकी सेवाएं जरूरी हैं। हालांकि शाम 6 बजे तक क्लीनिक पूरी तरह बंद कर दें, क्योंकि अब शहर में शाम 7 बजे से कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया जाएगा। क्लीनिक में किसी को सलाइन देकर ना रखें, उसे घर पर यह सेवा दे सकते हैं। सैनिटाइजर का उपयोग लगातार करें। क्लीनिक में आने वाले मरीजों की थर्मल स्कैनिंग आवश्यक रूप से की जानी चाहिए। उसी के बाद मरीज का उपचार करें। शहर में महामारी रोकने के लिए आप बहुत सहयोग दे सकते हैं।
कंटेन्मेंट क्षेत्रों में नहीं खुलेंगे क्लीनिक ।
कलेक्टर ने कहा कि शहर के जो क्षेत्र कंटेनमेंट घोषित हैं।उन क्षेत्रों में क्लीनिक खोलने की इजाजत नहीं होगी। कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा प्रशासन करेगा। निर्देशों का उल्लघंन करने वालो पर कार्रवाई की जाएगी। संदिग्ध मरीजों का डेटा एप के माध्यम से हमें बताना होगा। खास कर सर्दी और बुखार या संदिग्ध मरीजो की जानकारी देनी होगी।
छोटी बीमारियों के लिए नहीं भटकना पड़ेगा।
बैठक में मौजूद सांसद शंकर ललवानी ने कहा कि क्लीनिक संचालक डॉक्टर ही असली कोरोना के योद्धा है। शहर में छोटी बीमारियों के लिए भी लोगों को हॉस्पिटल जाना पड़ रहा था, इसे देखते हुए कुछ दिशा निर्देशों के साथ क्लीनिक खोलने की अनुमति दी जा रही है।