पीआईएमआर में नव प्रवेशित छात्रों का हुआ दीक्षारम्भ।
इंदौर : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर द्वारा बीबीए , मास कम्युनिकेशन, लिबरल आर्ट्स और साइंस विभाग के नव-प्रवेशित छात्रों के लिए भव्य ‘दीक्षारंभ’ (ओरिएंटेशन) समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, विशेष आमंत्रित, प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन, पीआईएमआर के ग्रुप डायरेक्टर एवं डायरेक्टर द्वारा नव प्रवेशित छात्रों को ‘दीक्षारंभ’ बैज प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि, सांसद शंकर लालवानी ने नए छात्रों को बधाई दी और पीआईएमआर में उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
छात्र सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं : ब्रजेश पांडे
छात्रों को संबोधित करते हुए, जनजातीय कल्याण विभाग के डिप्टी कमिश्नर बृजेश पांडे ने छात्रों को सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि किसी भी बाधा को पार करने के लिए दृढ़ संकल्प और मजबूत मानसिकता की आवश्यकता होती है। उन्होंने खरगोन जिले की एक आदिवासी लड़की की प्रेरणादायक कहानी साझा की, जिसने अपने दृढ़ निश्चय से आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण की। पांडे ने छात्रों से अच्छे विचारों को विकसित करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि कि वे अपने मोबाइल फोन पर कम समय बिताएं और अखबार पढ़ने में अधिक समय लगाएं ताकि वे वैश्विक घटनाओं से अवगत रह सकें।
छात्र चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में लें : डेविश जैन।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन और प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के चांसलर, डॉ. डेविश जैन ने नए छात्रों को सतत् सीखने को तत्पर रहने, उद्योग के रुझानों और तकनीकि प्रगति के साथ बने रहने, सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने और शिक्षकों, पूर्व छात्रों व सहपाठियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की सलाह दी। डॉ. जैन ने छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया ताकि छात्र एक मजबूत प्रोफेशनल नेटवर्क बना सकें। उन्होंने छात्रों को चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया।
क्लास रूम के बाहर के अनुभवों से सीखें: मेजर जन. छाबड़ा।
सेवानिवृत्त मेजर जनरल राजेश छाबड़ा ने छात्रों के साथ अपने जीवन के मूल्यवान सबक साझा किए और उन्हें नए कौशल व प्रौद्योगिकियों को सीखकर बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अकादमिक पाठ्यक्रम के अलावा, कक्षा के बाहर के अनुभवों से सीखने के महत्व पर जोर दिया।
छात्र सुनने की आदत विकसित करें : संदीप अत्रे।
ख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. संदीप अत्रे ने छात्रों को जीवन के मानक और जीवन की गुणवत्ता के बीच संतुलन बनाए रखते हुए सफलता और संतुष्टि प्राप्त करने के बारे में अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने छात्रों को सुनने की आदत विकसित करने, दुनिया को करीब से देखने और डिजिटल विकर्षणों के बजाय सार्थक बातचीत को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया। डॉ. अत्रे ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी मोबाइल फोन की लत में अधिक डूबी हुई है, जिसके कारण वे किताबें पढ़ने की आदत को खोते जा रहे हैं, जिसे उन्होंने एक चिंताजनक प्रवृत्ति माना। उन्होंने अंत में छात्रों को दूसरों में रुचि रखने की सलाह दी, क्योंकि सफलता उन्हीं के पास आती है जो अपने आस-पास की दुनिया से जुड़े रहते हैं।
‘दीक्षारंभ’ समारोह में PIMR ग्रुप डायरेक्टर डॉ. एस. एस. भाकर और PIMR UG डायरेक्टर कर्नल एस. रमन अय्यर ने भी अपने विचार रखे।उन्होंने नवागत छात्रों को शुभकामनाएं दीं और PIMR में उनके शैक्षणिक यात्रा के लिए अपनी दृष्टि साझा की।
इस समारोह ने शैक्षणिक वर्ष के लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल तैयार किया, जिसने नए छात्रों को अपनी शैक्षणिक यात्रा को उत्साह और उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता के साथ शुरू करने के लिए प्रेरित किया।