दुधारी तलवार है सोशल मीडिया, सोच- समझ कर करें इसका इस्तेमाल, सेवा सुरभि के टॉक शो में वक्ताओं ने कही ये बात

  
Last Updated:  January 22, 2021 " 09:19 pm"

इंदौर : देश के 78 प्रतिशत लोग न्यूज को फोन पर पढ़ना पसंद कर रहे हैं। एक भारतीय रोजाना औसतन 7 घंटे छोटी स्क्रीन को वक्त दे रहा है। देश में 40 करोड़ उपभोक्ता अकेले वाटसएप से जुड़े हुए हैं। सबसे तेज गति से फेसबुक और वाटसएप बढ़ रहे हैं। सूरज की रोशनी को धरती तक पहुंचने में साढ़े 8 मिनट का वक्त लगता है, लेकिन एक खबर को वायरल होने में महज साढ़े 3 मिनट लगते हैं। यू ट्यूब पर अकेले टी-सीरिज के 126 मिलियन ग्राहक हैं। सोशल मीडिया एक दुधारी तलवार है जिससे आप जी भी सकते हैं और मर भी सकते हैं। फेक न्यूज का सबसे अधिक कारोबार इन्हीं माध्यमों से हो रहा है।
ये बेबाक विचार शुक्रवार शाम संस्था ‘सेवा सुरभि’, जिला प्रशासन, इंदौर पुलिस एवं नगर निगम की सहभागिता में चल रहे ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा‘ अभियान के तहत इंदौर प्रेस क्लब सभागृह में ‘क्या सोशल नेटवर्किंग ही अब हमारी सोशल लाइफ है’ विषय पर आयोजित दिलचस्प टाॅक शो में वक्ताओं ने व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में सेवा सुरभि के साथ इंदौर प्रेस क्लब की भी सहभागिता रही। इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। पर्यावरणविद डाॅ. ओ.पी. जोशी, शिवाजी मोहिते, सुधाकर सिंह, महेश मिश्रा, राहुल वावीकर, प्रवीण जोशी सहित अनेक गणमान्य नागरिक इस टाॅक शो के साक्षी बने। प्रारंभ में संस्था सेवा सुरभि की ओर से संयोजक ओमप्रकाश नरेड़ा, कमल कलवानी, अतुल सेठ तथा प्रेस क्लब की ओर से अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने पद्मश्री जनक पलटा के साथ दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सूत्रधार थे रंगकर्मी संजय पटेल। टाॅक शो में वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी, इंदौर वाले समूह के संस्थापक समीर शर्मा, साफ्टवेयर व्यवसायी रोहन शर्मा, माय एफ एम के आरजे नवनीत, गूगल की पूर्व एक्जीक्यूटिव पलक साबू जैसे विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

मोदी और ट्रम्प ने किया सोशल मीडिया का बेहतर इस्तेमाल।

वरिष्ठ पत्रकार एवं ब्लाॅगर प्रकाश हिंदुस्तानी ने कहा कि सोशल मीडिया का बेहतर इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी ने किया, जो दोनों शीर्ष पदों पर पहुंचे। देश में जो सबसे बड़ा किसानों का अहिंसक आंदोलन चल रहा है, वह सोशल मीडिया के कारण ही सुर्खियों में है। सोशल मीडिया का सबसे बड़ा सर्च इंचन गूगल है जिसके डेढ़ सौ से अधिक प्राडक्ट हैं। उसका बजट दुनिया के कई देशों से भी बड़ा है। सन 1998 में शहर के एक वेबसाइट के मालिक ने कहा था कि एक दिन हम मोबाइल से ही शाॅपिंग करेंगे और सारे बिलिंग भी मोबाइल से ही होंगे तो मुझे आश्चर्य हुआ था लेकिन आज यह सब सच हो रहा है।

दुधारी तलवार है सोशल मीडिया।

आरजे नवनीत ने कहा – सोशल मीडिया दुधारी तलवार है।इसका इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए। सोशल मीडिया का इस्तेमाल हम नहीं, बल्कि हमारा इस्तेमाल सोशल मीडिया कर रहा है।

सोशल मीडिया पर औसतन 7 घंटे बिताते हैं।

आईटी एक्सपर्ट समीर शर्मा ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पाॅवर बन गई है सोशल मीडिया। आज लोगों से यह पूछा जाता है कि आप रोजाना कितना डेटा यूज करते हो और कितना समय स्क्रीन टाइम को देते हो। भारत में 40 करोड़ यूजर्स वाट्सएप के हो गए हैं। एक आम भारतीय औसतन 7 घंटे का समय मोबाइल की स्क्रीन को दे रहा है। अब लोग अखबारों या टीवी चैनल्स से ज्यादा मोबाइल पर न्यूज देख और सुन रहे हैं। सोशल मीडिया का सबसे अधिक इस्तेमाल लाॅकडाउन के दौरान हुआ। जरूरत इस बात की है कि हम इस मीडिया का इस्तेमाल सकारात्मक रूप से ही करें ताकि नई पीढ़ी तक सही बात पहुंच सके।

सोशल मीडिया के एडिक्शन से बचे।

गूगल की पूर्व एक्जीक्यूटिव पलक साबू ने कहा कि हम सोशल मीडिया दुनिया के साथ हमको कनेक्ट करता है। हम इसका इस्तेमाल करें लेकिन लेकिन इसके एडिक्ट नहीं बनें। अब तो ऐसे ऐप आ गए हैं, जो बताते हैं कि आपको मोबाइल पर कितना समय सोशल मीडिया के साथ गुजारना है। टाइमर आपको बता देगा और कुछ देर बाद वह ब्लाॅक भी हो जाएगा। सोशल मीडिया आपको साक्षर भी करता है और जागरूक भी लेकिन आपको समाज से दूर भी कर रहा है। यह भी हमें समझना होगा।

इंसान को मशीन बना रहा सोशल मीडिया।

आईटी एक्सपर्ट रोहन शर्मा ने कहा कि संभव है सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते कार्पोरेट मीटिंग खत्म हो जाए और आवागमन भी कम हो जाए। एक ही जगह बैठकर हम मोबाइल पर सारा काम कर सकते हैं लेकिन इससे सामाजिक कनेक्टिविटी कम होने से हम मशीन बनकर रह जाएंगे।

नई टेकनीक डरा रही है।

अभिभाषक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि नई टेक्नालाॅजी हमें डरा अधिक रही है। इंसान डिप्रेशन में जा रहा है। ऐसी टेक्नालाॅजी खतरनाक है जो मनुष्यता को समाप्त कर रही है।

वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने कहा कि सोशल मीडिया ने कईयों को रोजगार दिया है। अब लोगों को समझ में आ रहा है कि इस क्षेत्र में कितनी चुनौतियां हैं।

सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें।

पद्मश्री जनक पलटा ने कहा कि अगर हमें अपना उद्देश्य और लक्ष्य पता है तो सोशल मीडिया हमारा गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता। परस्पर प्रेम और सांप्रदायिक सदभाव बढ़ाने में भी इसका उपयोग हो सकता है। टाॅक शो में विजय सोनी, अतुल सेठ एवं अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए।

शनिवार को शहीद सैनिक की धर्मपत्नी का सम्मान।

संस्था सेवा सुरभि के अनिल गोयल, कमल कलवानी, अरविंद जायसवाल एवं अनिल मंगल ने बताया कि शनिवार 23 जनवरी को शाम 7.30 बजे जाल सभागृह में देश के जांबाज सैनिक रीवा के दीपक सिंह की धर्मपत्नी रेखा सिंह का कलेक्टर मनीष सिंह के मुख्य आतिथ्य में सम्मान किया जाएगा। पत्रकार राजेश चेलावत, समाजसेवी भरत मोदी, पवन सिंघानिया, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल एवं पद्मश्री जनक पलटा के विशेष आतिथ्य में शहीद के परिजनों को श्रद्धानिधि भी भेंट की जाएगी। इस मौके पर कवि सम्मेलन भी होगा जिसमें रायपुर के अशोक सुंदरानी, देवास के शशिकांत यादव और इंदौर के अमन अक्षर भाग लेंगे।

चीनी सैनिकों की गर्दन मरोड़कर मारा था।

शहीद दीपक सिंह रीवा जिले के निवासी होकर भारत माता के ऐसे जांबाज सपूत सिद्ध हुए जिन्होंने 15-16 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ बहादुरी से युद्ध करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। चीनी सेना के सैकड़ों सैनिकों ने गलवान घाटी में एलएसी पर कब्जा करने का प्रयास किया था। एलएसी पर हथियार लेकर नहीं जा सकते, इसलिए दीपक सिंह एवं भारतीय सेना के करीब 15 अन्य जवान खाली हाथ थे। उस पोस्ट पर चीनी सैनिकों ने कटीले तार और कीले लगा रखी थी और उन्होंने हमारी सेना पर हमला कर दिया। इस स्थिति में हमारे सैनिकों ने उनसे उन्हीं का डंडा छुड़ाकर उनकी पिटाई कर डाली थी। गलवान नदी के ऊपर 16 नंबर पोस्ट पर दीपक सिंह ने जो घातक प्लाटून में शामिल थे चीनी सैनिकों की गर्दन मरोड़कर उनकी कमर तोड़ डाली और अपने साथियों के साथ चीनी सेना के 40 से 50 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। हमारे जो 20 सैनिक यहां शहीद हुए थे, उन्हीं में वीर सपूत दीपक सिंह भी शामिल था।

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