इंदौर : कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करना जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हालांकि पहले के मुकाबले टेस्टिंग क्षमता बढ़ी है पर कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इसे और बढाने की जरूरत महसूस हो रही है। रिपोर्ट देरी से आने के कारण कई मरीजों का समय रहते इलाज नहीं हो पाता और जिंदगी उनसे किनारा कर लेती है। ऐसे ढेरों मामले सामने आ चुके हैं जिनमें मरीज की मौत के बाद टेस्टिंग रिपोर्ट प्राप्त हुई।
बहरहाल, आज दिनांक तक इंदौर जिले में 2 लाख से ज्यादा सैम्पल टेस्टिंग हो चुकी है। इनमें से करीब 6 फीसदी मरीज संक्रमित पाए गए हैं।
171 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि।
बुधवार 26 अगस्त को 1913 सैम्पल लिए गए। 1739 की टेस्टिंग की गई।1517 निगेटिव पाए गए जबकि 171 में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 31 रिपीट पॉजिटिव मिले। 20 जांच योग्य नहीं होने से खारिज किए गए। बुधवार का औसत देखा जाए तो टेस्टिंग के 10 सैम्पल फीसदी संक्रमित पाए गए हैं।
24 मार्च से अभी तक कुल 202232 सैम्पलों की टेस्टिंग की गई है। इनमें से 12031 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
4 संक्रमित मरीजों ने तोड़ा दम..
कोरोना से मौतों का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। बुधवार को 4 संक्रमित मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई।इन्हें मिलाकर अब तक कोरोना से मौतों का आंकड़ा 375 तक पहुंच गया है। इसे मृत्यु दर में ढाला जाए तो 3 फीसदी से ज्यादा संक्रमित मरीजों की जिले में मौत हुई है, जबकि राष्ट्रीय मृत्यु दर 2 फीसदी से भी कम है।
155 मरीज किए गए डिस्चार्ज..
बुधवार को विभिन्न कोविड अस्पतालों से 155 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इन्हें मिलाकर 8490 मरीज कोरोना संक्रमण पर विजय पा चुके हैं। याने 70 फीसदी मरीज पूरीतरह ठीक हो चुके हैं।3166 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।