नई दिल्ली : मोबाइल यूजर्स को नए साल में महंगे प्लान का झटका लग सकता है। दरअसल, टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल टैरिफ (Mobile Tariff) बढ़ाने की योजना बना रही हैं।इससे प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान (Pre-Paid & Post-Paid Plans) के दाम बढ़ जाएंगे। बता दें कि दिसंबर 2019 में भी टेलिकॉम कंपनियों (Telecom Companies) ने टैरिफ में बढ़ोतरी की थी। इसके बाद मोबाइल नेटवर्क को अपग्रेड कर 2G या 3G से 4G किया गया गया था। इससे वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक टेलिकॉम कंपनियों की कमाई में अच्छी वृद्धि (Revenue Growth) दर्ज की गई है। इसी को ध्यान में रखकर टेलिकॉम कंपनियां फिर मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रही हैं। इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (ICRA) के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में मोबाइल प्लान महंगे हो सकते हैं।
टेलिकॉम कंपनियों की कमाई 11 फीसदी बढ़ेगी।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone-Idea) ने हाल में अपने पोस्टपेड प्लान के दाम बढ़ाए थे। कंपनी को उम्मीद है कि इससे वित्त वर्ष 2021-22 में उसकी कमाई बढ़ेगी। इसके अलावा हाई ऑपरेटिंग लीवरेज से उनकी प्रॉफिटेबिलिटी भी सुधरेगी। कोरोना संकट के बीच वर्क फ्रॉम होम (WFH) और ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) ने डाटा की खपत बढ़ाई है। इससे कंपनियों की प्रति ग्राहक कमाई बढ़ी है। तगड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण टेलिकॉम कंपनियों की कमाई में बड़ी गिरावट देखी गई थी, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में इंडस्ट्री के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। इक्रा के मुताबिक, टैरिफ में बढ़ोतरी और लगातार अपग्रेडेशन के कारण टेलिकॉम कंपनियों की कमाई 11 फीसदी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में कमाई में करीब 13 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी।
कमाई के साथ कंपनियों के कर्ज में भी होगी बढ़ोतरी।
टेलिकॉम कंपनियों की कमाई में बढ़ोतरी के साथ ही उनके कर्ज में भी वृद्धि होगी। इक्रा के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में टेलिकॉम इंडस्ट्री पर 4.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज रहेगा। अगले साल इसमें मामूली कमीं दर्ज की जाएगी। वित्त वर्ष 2022 में टेलिकॉम इंडस्ट्री पर 4.7 लाख करोड़ का कर्ज रहेगा। वित्त वर्ष 2020 में राइट इश्यु, क्यूआईपी और एडिशनल स्पांसर फंड इंफ्यूजन के जरिये ज्यादा मात्रा में टेलिकॉम कंपनियों ने कर्ज चुकाए। इस वजह से 31 मार्च 2020 को टेलिकॉम कंपनियों का कर्ज घटकर 4.4 लाख करोड़ रुपये रह गया, जबकि 31 मार्च 2019 को यह 5 लाख करोड़ रुपये था।