प्रत्येक वर्ष हम जीवन का सबसे कीमती धन खोते जाते हैं, वह है समय। एक-एक क्षण जिसमें खिलखिलाती मुस्कुराहट समाहित होनी चाहिए, पर हम सदैव अच्छे समय का इंतज़ार करते रह जाते हैं और वह समय हमारे हाथ से फिसल रहा होता है। साल बीतते जाते हैं पर हम स्वयं के भीतर आनंद को महसूस नहीं कर पाते हैं। ख़्वाहिशों, इच्छाओं और अभिलाषाओं का संसार सिमट ही नहीं रहा है। यह सच है की जीवन में चाह तो सदैव विद्यमान होनी चाहिए पर इसका अर्थ यह नहीं है की हम मौजूद पलों का खुशियों से स्वागत न करें। कभी-कभी हम अपने आस-पास अवसाद से ग्रस्त माहौल को देखते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम बाहरी दुनिया में ही खोए रहते हैं। स्वयं के भीतर झाँकने और समझने का तो समय ही नहीं मिलता।
नवीन वर्ष 2022 प्रारम्भ हो गया है। क्यों न हम कुछ नई शुरुआत करें। कोई भी एक बेहतर आदत का चुनाव करें। वह ईश आराधना हो सकती है, निष्काम कर्म हो सकता है, पौधरोपण हो सकता है, अपने संवाद से किसी को सुकून देना हो सकता है, किसी का आत्मविश्वास बढ़ाना हो सकता है, अपने उद्देश्यपूर्ति की ओर कुछ नवीन प्रयास हो सकते हैं या फिर कोई अपनी पुरानी बुरी आदत को छोड़ सकते हैं। जैसे बिना मतलब लोगों के जीवन का अतिरिक्त मूल्यांकन, पीठ पीछे निंदा और आलोचना, इधर-उधर की बातों में आनंद महसूस करना, कुछ भी उल्टा सीधा पिरोना, दूसरों को हीन समझना, धन का अभिमान आदि। जीवन तो कुछ नवीन पाने की लालसा और परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय की ही श्रृंखला है। जीवन का हर क्षण इतना कीमती है की आप किसी भी राशि से उसकी कीमत नहीं आँक सकते। इसलिए 2021 के अमूल्य क्षण, उपहास, मखौल, निंदा एवं चुगलखोरी में व्यतीत न करें बल्कि 2022 को उन्नत सोच, मुस्कुराते चेहरे और खुशियों से भरी यादों से सँजोए। प्रिय और अप्रिय के बीच सामंजस्य बैठाना ही सही अर्थों में जीवन है। आइए हम फिर से एक बार कृतसंकल्पित होकर 2022 का आह्वान करें। 2022 का वर्ष नवीन ऊर्जा, उत्साह और अदम्य साहस के साथ कदम बढ़ाने की ओर प्रेरित कर रहा है। पूर्ण आत्मविश्वास के साथ नवीन आगाज और शंखनाद करना होगा। स्वयं की कीमत को पहचानना होगा और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सृष्टि की सुंदरता को महसूस करना होगा।
कर्म की धुरी पर ही सृष्टि का चक्र अविराम रूप से चलायमान है। अतः इस वर्ष कुछ नया करने का प्रयास करें। कहते है की सफलता का नवीन मंत्र प्रारम्भ ही है तो क्यों न एक नए उद्देश्य के साथ स्थिरप्रज्ञ होकर सफलता के नवीन आयाम रचने का प्रयास करें। यह प्रयास स्वयं के भीतर आनंद को महसूस करने वाला भी होना चाहिए। शरीर की रचना तो ईश्वर का सृजन है पर हम हमारे कर्मों से खुशियों का सृजन कर सकते हैं। इसका क्रियान्वयन हमारे स्वनिर्णय पर निर्भर करता है तो क्यों न नवीन ऊर्जा और नवीन संकल्प के साथ कुछ नया ग्रहण करने के लिए प्रतिबद्ध हों और अपनी एक आंतरिक बुराई को छोडने के लिए छोटे-छोटे प्रयास किए जाए। 2021 का वर्ष तो स्वयं अनुभव की पाठशाला था जिसने जीवन के सत्य से साक्षात्कार करवाया। जीवन तो प्रायोगिक विज्ञान का ही एक रूप है। हम जितना अधिक प्रयोगों की ओर अग्रसर होंगे, उसी अनुपात में सकारात्मक और नकारात्मक अनुभव को प्राप्त कर सकेंगे। यहीं अनुभव जीवन में उन्नति के सोपान और सीढ़ी साबित होंगे। किसी अपेक्षित सफलता के लिए तटस्थ धैर्य की आवश्यकता होती है अतः निराशा से तनिक भी विचलित न हो और अपने प्रयासों से 2022 में उद्देश्यपूर्ति का शंखनाद करें।
2021 का वर्ष रहा अनुभव की पाठशाला।
2022 का वर्ष दे रहा अवसर निराला॥
प्रायोगिक और व्यावहारिक ज्ञान में होता है अंतर।
कई बार विषम परिस्थितियाँ ही देती प्रश्नों के उत्तर॥
अनवरत संघर्ष के बिना नहीं बन सका कोई महान।
डॉ. रीना कहती, नवीन ऊर्जा और लक्ष्य से करें 2022 का आह्वान।।
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)