इंदौर : सोमवार को गीताभवन चौराहे पर सीएम शिवराज सिंह का पुतला दहन किए जाने पर तुकोगंज पुलिस ने 10 कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया था।
मंगलवार को पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में कांग्रेस के तमाम छोटे- बड़े नेता और कार्यकर्ता डीआईजी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डीआईजी मनीष कपूरिया से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन के जरिए कांग्रेसियों पर एफआईआर दर्ज करने को पक्षपात पूर्ण कार्रवाई बताते हुए विरोध दर्ज करवाया गया।
भाजपाइयों पर एफआईआर क्यों नहीं..?
पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के अनुसार बीजेपी और भाजयुमों कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम कमलनाथ का 28 स्थानों पर पुतला दहन किया लेकिन उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस के नेताओं ने केवल एक स्थान पर सीएम शिवराज का पुतला फूंका तो उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया गया। ये पुलिस प्रशासन की सरासर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई है। इसी का विरोध करने वे डीआईजी के पास आए थे।
बीजेपी के दबाव में काम कर रही पुलिस।
सज्जन वर्मा का कहना था कि कानून सबके लिए बराबर है। सीएम शिवराज का पुतला फूंकने पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज हो सकता है, तो कमलनाथ का पुतला फूंकने पर भाजपाइयों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं किया गया। सज्जन वर्मा ने कहा कि उन्होंने डीआईजी से मिलकर उन्हें उनका संवैधानिक दायित्व याद दिलाया और कहा कि पुलिस को निष्पक्ष रहकर बिना किसी के दबाव में आए काम करना चाहिए। वर्मा ने पुलिस प्रशासन पर बीजेपी के दबाव में काम करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि पुलिस कितने भी मुकदमें दर्ज कर लें पर कांग्रेस शिवराज सरकार की नाकामियों को पुरजोर तरीके से उठाती रहेगी।
डीआईजी को ज्ञापन देनेवाले कांग्रेसी नेताओं में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के अलावा जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल,पूर्व विधायक अश्विन जोशी, राजेश चौकसे, चिंटू चौकसे, शेख अलीम, सर्वेश तिवारी, अमन बजाज, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रमीज खान, जेनेश झांझरी, धर्मेंद्र गेंदर, शैलू सेन सहित अन्य नेता शामिल थे।