इंदौर : शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा मंदिर में बीते 24 घंटों में एक लाख से अधिक भक्तों ने मां अन्नपूर्णा, मां कालिका और मां सरस्वती सहित सभी नूतन प्रतिष्ठापित देवी-देवताओं के दर्शन किए। नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा लोक के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं। इस दौरान मंदिर से जुड़े सेवकों ने चार बिछुड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाया, वहीं तीन गुम हुए मोबाइल भी ढूंढकर उनके मालिकों को सौंपे।
उधर, महोत्सव में पांचवें दिन शनिवार को यज्ञशाला में स्वाहाकार की मंगल ध्वनि गूंजने लगी। मंदिर को दो हजार से अधिक रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से श्रृंगारित किया गया है, जिसके कारण दूर से ही मंदिर की छटा देखते ही बनती है।
मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख विनोद अग्रवाल, गोपालदास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि शुक्रवार को शाम से ही मंदिर के पट आम भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। उसके बाद से लगातार भक्तों के आगमन का सिलसिला चल रहा है। बीती रात को यहां की गई रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा को निहारने का क्रम देर रात तक चलता रहा। बड़ी संख्या में दूसरे शहरों के लोग भी मंदिर देखने आ रहे हैं। देवियों के नूतन श्रृंगार को निहारने के लिए कई भक्त दिन में तीन-तीन बार मंदिर पहुंचे। आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि का अभिनंदन करने के लिए भी बड़ी संख्या में शहर के अनेक धार्मिक, सामजिक संगठनों के प्रतिनिधि मंदिर पहुंचे।
स्वाहाकार की मंगल ध्वनि से गूंजने लगा अन्नपूर्णा लोक।
मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शनिवार को पांचवें दिन स्वाहाकार की मंगल ध्वनि भी गूंजने लगी। आचार्य पं. कल्याण दत्त शास्त्री के निर्देशन में मंदिर के पीछे स्थित यज्ञशाला में 111 विद्वान आचार्य यहां दुर्गा शप्तसती पाठ से आहुतियां समर्पित कर रहे हैं। प्रत्येक विद्वान यहां 700 आहुतियां समर्पित करेंगे। यह क्रम 7 फरवरी तक चलेगा। वाहनों के पार्किंग हेतु मंदिर के दोनों तरफ निःशुल्क पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं।