इंदौर :- अवयस्क बालिका को बहला – फुसला कर ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास से दंडित किया है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 12.07.2023 को न्यायालय तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट ) सुरेखा मिश्रा, इंदौर, जिला इंदौर (मध्य प्रदेश) ने थाना जूनी इंदौर के प्रकरण क्रमांक 148/2019 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी हरप्रसाद पिता श्यामलाल प्रजापति, उम्र 48 वर्ष, निवासी मुसाखेड़ी इंदौर को धारा 3(2)(V) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में आजीवन सश्रम कारावास, धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व धारा 3(2)(Va) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम व धारा 366-ए में 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास और कुल 8000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई।
न्यायालय द्वारा पीडि़त बालिका को 80,000 रुपये की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने की भी अनुशंसा की गई है।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि बालिका के पिता ने पुलिस थाना जूनी इन्दौर, जिला इन्दौर में रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह हम्माली करता है। दिनांक 29.10.2018 को दोपहर करीब 12 बजे वह तथा उसकी पत्नी, उसकी लड़की/बालिका, उम्र 16 वर्ष को घर पर छोड़कर काम पर चले गये थे, दोपहर 12:30 बजे वापस घर आकर देखा तो लड़की घर पर नहीं मिली। उसने लड़की/बालिका को अपने रिश्तेदारों में व संभावित स्थान पर तलाश किया, लेकिन कोई पता नहीं चला। कोई अज्ञात बदमाश उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया है। बालिका के पिता की रिपोर्ट पर से पुलिस थाना जूनी इन्दौर, जिला इन्दौर में गुमशुदा व्यक्ति पंजीकरण दर्ज कर अपराध क्रमांक 478/2018 अन्तर्गत धारा 363 भा.दं.सं. के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गयी। विवेचना दौरान पीड़ित बालिका को बरामद किया गया। उसके कथन, मेडिकल जाँच एवं संपूर्ण अनुसंधान होने के पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।