इंदौर : बीते कुछ दिनों से पड़ौसी राज्य महाराष्ट्र और मप्र के भोपाल व इंदौर शहर में कोरोना के नये मरीजों की बढ़ती संख्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रीतमलाल दूआ सभागृह में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं कलेक्टर मनीष सिंह ने 42 निजी अस्पतालों के संचालकों, 4 शासकीय अस्पतालों एवं डॉक्टरों की बैठक लेकर कोविड संक्रमण की रोकथाम हेतु की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर हिमांशु चंद्र, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया व अन्य शासकीय चिकित्सक भी उपस्थित रहे।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बैठक में उपस्थित सदस्यों को बताया कि 11 फरवरी से इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसका एक कारण लोगों द्वारा मास्क का प्रयोग एवं कोरोना से बचाव हेतु अपनाये जाने वाले अन्य सुरक्षा नियमों के प्रति दिखाई जा रही लापरवाही भी है। इसी परिदृश्य को देखते हुये यह बैठक आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि इंदौर के शासकीय एवं निजी चिकित्सकों ने कोरोना काल के दौरान आगे बढ़कर जनसामान्य की स्वास्थ्य सेवा में जो सहयोग प्रदान किया था वो पूरे प्रदेश एवं देश के लिये सर्वोत्तम उदाहरण बना था। अब फिर वह समय आ गया है जब आप सभी को इस सेवा भाव को बनाये रखते हुए कोरोना के विरूद्ध इस लड़ाई में जिला प्रशासन का सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जो कार्यविधि पूर्व में अपनाई गई थी उसी कार्यविधि को पुन: प्रयोग करते हुए हमे कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करना है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने सभी चिकित्सकों को खुद को भी कोरोना से सुरक्षित रखने के लिये मास्क एवं अन्य जरूरी मानकों का पालन करने की अपील की। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में मौजूद समस्त निजी अस्पतालों के संचालकों से चर्चा कर गत वर्ष की तरह अस्पताल भवन में कोरोना इलाज के लिए पर्याप्त आईसीयू वार्ड एवं बैड आरक्षित कर ऑक्सीजन और प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा दी गई गाइड लाइन के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये कहा। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिये पूर्व में जो दरें तय की गई थी, उन्हीं के अनुकूल वर्तमान में भी कोरोना के उपचार के लिये दरें निर्धारित की जाए, ताकि सामान्य मरीजों को किसी आर्थिक परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि इलाज के लिये तय की गई दरों में किसी प्रकार की अनियमितता ना दिखाई जाये। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इंदौर जिले के सभी चिकित्सक कोरोना योद्धा के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन कर इंदौर को कोरोना मुक्त बनाने में अपना योगदान दे।
स्वच्छता के क्षेत्र में दिखाया जागरूकता का उदाहरण कोरोना से बचाव के लिये भी अपनाएं।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा एवं कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर के रहवासियों से अपील की है कि वे कोरोना से बचाव के लिये राज्य शासन तथा जिला प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों एवं गाइड लाइन का पालन करें। उन्होंने कहा कि सभी जिलेवासी मास्क एवं सेनेटाइजर का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों कस पालन आवश्यक रूप से करे। इसमे किसी भी तरह की लापरवाही ना दिखाई जाये। सहयोग, संयम तथा सतर्कता-थ्री एस सिद्धांत का पालन करते हुये स्वयं को एवं अपने परिवार को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में जिस जागरूकता का उदाहरण इंदौर जिले के लोगों ने प्रस्तुत किया है उसी तरह की जागरूकता कोराना से बचाव हेतु भी दिखाई जाए
बैठक में कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की गई। अपर कलेक्टर हिमांशु चंद्र ने बताया कि जिले में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 75 प्रतिशत हेल्थ एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स ने कोविड वैक्सिन का प्रथम डोज लगवाया है। कोविड के बढ़ते केस को दृष्टिगत रखते हुये इंदौर में हेल्थ केयर वर्कर्स के लिये अभी भी प्रथम डोज के सेशन आयोजित किये जा रहे है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने सभी निजी एवं शासकीय अस्पतालों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने अस्पताल में ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार करें जिन्होंने अभी तक कोविड वैक्सिनेशन नहीं करवाया है। उक्त सभी कर्मचारियों के मन में कोविड टीकाकरण अभियान के प्रति जो भ्रांतियां है वे दूर कर उन्हें कोरोना से वैक्सिनेशन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिये जागरूकता सत्र आयोजित किया जाए।