गीता भवन में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर इंदौर मिर्गी विशेषज्ञ एसो. समिति का आयोजन।
इंदौर : मिर्गी के मरीजों को भी अपना जीवन जीने का पूरा हक है। समाज की सोच सकारात्मक होना चाहिए, तभी मिर्गी के मरीज अपना मनोबल बनाकर रख सकेंगे। मिर्गी के बारे में जितनी भी भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करने के प्रयास भी निरंतर चलते रहना चाहिए। मिर्गी रोग के प्रति आम लोगों में जागरुकता फैलाने के जो प्रयास हो रहे हैं, उनमें और अधिक गति लाने की जरूरत है।
ये विचार गीता भवन हास्पिटल के सचिव दिनेश मित्तल ने व्यक्त किए। वे इंदौर मिर्गी विशेषज्ञ एसो. समिति एवं गीता भवन अस्पताल ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। विशेष अतिथि गीता भवन के ट्रस्टी प्रेमचंद गोयल थे।
प्रारंभ में एसो. के अध्यक्ष डॉ. वसंत डाकवाले ने कहा कि मिर्गी असाध्य बीमारी नहीं है। नियमित दवाइयों के सेवन से यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। जटिल मिर्गी को भी ब्रेन सर्जरी के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
एसो. की सचिव डॉ. व्ही.व्ही. नाडकर्णी ने कहा कि मिर्गी के मरीजों को हीन भावना से ग्रस्त नहीं होना चाहिए और सामान्य व्यक्ति की तरह ही जीवन यापन करना चाहिए। गीता भवन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. गजेन्द्र भंडारी ने मरीजों को नियमित दवाइयां लेने की सलाह दी। चाइल्ड न्यूरोलाजिस्ट डॉ. अनघा भागवत ने बच्चो में मिर्गी रोग के कारण, उपचार, सावधानियां एवं नई पद्धति से मरीजों को अवगत कराया।
मुख्य अतिथि दिनेश मित्तल ने कहा कि गीता भवन अस्पताल में मिर्गी एवं अन्य रोगों के मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। नीलम रानडे ने मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों का समाधान किया। मनपसंद लाफ्टर ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि मिर्गी के मरीजों को भी हंसना बहुत जरूरी है। हास्य हमें आरोग्यता एवं प्रसन्नता प्रदान करता है। कार्यक्रम में मनपसंद लाफ्टर ग्रुप के सदस्य भी मौजूद थे। इस अवसर पर 50 मरीजों को निशुल्क दवाइयों का वितरण किया गया। आभार मनोज त्रिपाठी ने माना।