नॉन कॉरपोरेट एंटीटीज के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को लेकर जारी गाइडलाइन पर सेमिनार

  
Last Updated:  April 20, 2024 " 03:44 pm"

इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और इंदौर सीए शाखा द्वारा “नॉन कॉर्पोरेट एंटीटीज़” के फाइनेंशियल स्टेटमेण्ट्स के लिए आईसीएआई द्वारा जारी गाइडेंस नोट पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।इसके मॉडरेटर सीए विक्रम गुप्ते एवं स्पीकर सीए असीम त्रिवेदी थे।

सेमिनार में टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि कंपनियों के बाद अब ”नॉन कॉर्पोरेट एंटीटीज़” जो पूरे व्यापार का 99% रिप्रेजेंटेशन करते हैं; के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, बुक कीपिंग, ऑडिट आदि के लिये भी आईसीएआई ने दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। यह एडवाइजरी 01/04/2024 से लागू हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि इससे नॉन कॉर्पोरेट एंटीटीज़ के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में एकरूपता आएगी और बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस इत्यादि को विश्वसनीय सूचनाएँ प्राप्त होंगी।

टीपीए अध्यक्ष सीए ज़ेपी सराफ़ ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि इन दिशा- निर्देशों से एक नॉन कॉर्पोरेट एंटीटीज़ के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स का दूसरे नॉन कॉर्पोरेट एंटीटीज़ के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स से कंपेरिजन आसान हो जाएगा और अच्छी संस्थाओं को फंडिंग आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।

सीए शाखा के अध्यक्ष सीए अतिशय खासगीवाला ने कहा कि अब फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में पिछले वित्तीय वर्ष के तुलनात्मक आँकड़े आवश्यक रूप से दर्शाना होंगे।

मॉडरेटर सीए विक्रम गुप्ते ने कहा कि आईसीएआई के गाइडेंस नोट का पालन करना सीए सदस्यों के लिए आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि गाइडेंस नोट को सभी गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा लागू किया जा सकता है, सिवाय ऐसी गैर-कॉर्पोरेट संस्थाएँ, जिनके सम्बन्ध में उनके प्रासंगिक कानून/विनियम/प्राधिकरण ने अन्य विशिष्ट प्रारूप निर्धारित किये हैं।

वक्ता सीए असीम त्रिवेदी ने कहा कि वित्तीय विवरण किस प्रकार के होंगे ये संगठन की संरचना पर निर्भर करता है। जैसे:
एकल स्वामित्व फर्म,
हिंदू अविभाज्य परिवार,
साझेदारी फर्म,
व्यक्तियों का संघ,
विशेष अधिनियम के तहत पंजीकृत समाज,
इन सभी के वित्तीय विवरणों का एक मानक स्वरूप एकअप्रैल से लागू हो रहा है। अगर इन संस्थाओं ने इस तरह से वित्तीय विवरण नहीं बनाएं तो अंकेक्षक उन पर अपनी रिपोर्ट में असहमति जता सकता है, जिससे संस्था की वित्तीय साख पर फ़र्क़ पड़ सकता है । रियल स्टेट फर्म, ज्वेलर्स,कोचिंग संस्थान, रेसिडेंट सोसाइटीज व कंस्ट्रक्शन कांट्रेक्टर पर इस प्रारूप के आने से प्रभाव पड़ेगा । सभी उपयोगकर्ताओं को पारदर्शी जानकारी मिलेगी । वित्तीय विवरण वित्तीय नियोजन, विश्लेषण, बेंचमार्किंग और निर्णय लेने की रीढ़ बनते हैं। यदि गैर-कॉर्पोरेट संस्थाएं उच्च गुणवत्ता वाले रिपोर्टिंग ढांचे का पालन करती हैं, तो इसके वित्तीय विवरण ईमानदारी से लेनदेन का प्रतिनिधित्व करते हैं और अधिक विश्वसनीय, पूर्ण व तुलनीय होते हैं।

सेमिनार का संचालन टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया। धन्यवाद अभिभाषण सीए अभिषेक गांग ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सीए शैलेंद्र सिंहयू सोलंकी, सीए एन पी ऐरन, सीए मनोज पी गुप्ता, सीए विजय बंसल, गोविंद गोयल, सीए संतोष शर्मा, सीए प्रमोद गर्ग, सीए सुनील खंडेलवाल, सीए पीडी नागर, सीए संकेत मेहता सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।

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