इंदौर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और सोनकछ से विधायक सज्जन सिंह वर्मा को इंदौर में आवंटित शासकीय आवास को खाली करने का नोटिस थमाया गया है। हैरत की बात ये है कि ये नोटिस उसी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जारी किया है, जिसके सज्जन वर्मा कुछ समय पहले तक मंत्री हुआ करते थे। श्री वर्मा को नोटिस थमाए जाने से कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने शिवराज सरकार के इस कदम को विद्वेषपूर्ण करार दिया।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और प्रदेश सचिव राजेश चौकसे ने बुधवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार नैतिकता की सारी मर्यादाओं को लांघ कर पक्षपात और द्वेषतापूर्ण कार्रवाई कर रही है। कोरोना संक्रमण काल मे भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओछी राजनीति से बाज नही आ रही है।
दोहरे मापदंड अपना रही शिवराज सरकार।
बाकलीवाल और चौकसे का कहना था कि सरकारी आवास को लेकर शिवराज सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है। पीडब्ल्यूडी ने पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय की धर्म पत्नी के नाम से गठित आशा फाउंडेशन को ओल्ड पलासिया स्थित बंगला क्र बी 3, 2008 में दो वर्षों के लिए आवंटित किया था। 2010 से लेकर आज दिनांक तक उक्त बंगले का न तो किराया शासन को जमा करवाया गया और न ही उक्त आवास को खाली किया गया है। उक्त आवंटित बंगले को राज्य शासन द्वारा जारी आदेश क्र 4072/2019-20/25.9.19 4426/2019-20/21.10.19 के हवाले से दिनांक 3/1/2020 को रिक्त करने एवं पूर्व बकाया किराये को जमा करवाने का आदेश दिया गया था। परंतु आज दिनांक तक उक्त कार्रवाई लम्बित है। जबकि मध्यप्रदेश विधानसभा में पांच बार से सदस्य,पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री (लोकनिर्माण एवं पर्यावरण) सज्जन सिंह वर्मा को इंदौर में आवंटित शासकीय आवास बंगला न बी 2 ओल्ड पलासिया को रिक्त करने के लिए लगातार राज्य शासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है।
मानवीय आधार पर मियाद 6 माह बढाने का किया था अनुरोध।
बाकलीवाल और चौकसे का कहना था कि स्वयं सज्जन सिंह वर्मा ने उनकी धर्मपत्नी की हाल ही में हुई हार्ट की सर्जरी और कोरोना संक्रमण काल के चलते मानवीय आधार पर शासन से उक्त आवास खाली करने के लिए 6 माह का समय मांगा था। बावजूद इसके श्री वर्मा को आवंटित आवास को खाली करने का नोटिस देकर शिवराज सरकार ने अमानवीयता का परिचय दिया है। उनका कहना था कि शिवराज सरकार सत्ता के अहँकार में सारी मर्यादाएं और मानवीय मूल्यों को भूला चुकी है। एक निर्वाचित विधायक से उनका इस तरह का बर्ताव उचित नहीँ ठहराया जा सकता।जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण काल मे किसी भी किरायेदार को बेदखल न करने की अपील की है,वही उनके ही मुख्यमंत्री का इस तरह का बर्ताव निंदनीय होकर शर्मसार करने वाला है।
बाकलीवाल और चौकसे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने सज्जन वर्मा को आवंटित आवास जबरदस्ती खाली करवाने का प्रयास किया तो कांग्रेस सड़क पर लड़ाई लड़ने से भी पीछे नहीं हटेगी।