स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के आयोजन में पधारे बिग बॉस फेम वाइस एक्टर।
इंदौर : क्रिएटिव फील्ड्स में ख़ूब नए अवसर खुले हुए हैं लेकिन यदि आप किसी क्रिएटिव आर्ट के प्रति अपने पैशन को आजीविका के रूप में अपनाना चाहते हैं तो उससे पूर्व स्वयं की क्षमताओं का ऑब्जेक्टिव आकलन ज़रूरी है। रिस्क केलकुलेटेड ही लें, गैर व्यावहारिक नहीं।
ये बात बिग बॉस फेम, दमदार आवाज़ के मालिक विजय विक्रम सिंह ने स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में कही।
बता दें कि पिछले बारह वर्षों से वे लोकप्रिय सीरियल – “बिग बॉस” में नैरेटर के रूप में अपनी आवाज़ दे रहे हैं। उनकी विशिष्ट आवाज़ सबके दिलो-दिमाग में छाई हुई है। इसके अलावा वे कई धारावाहिकों, विज्ञापनों आदि में आवाज़ देने के साथ “द फैमिली मैन”, मिर्ज़ापुर – 2, ब्रीद – 2 आदि श्रृंखलाओं में अभिनय का कमाल भी दिखा चुके हैं। इन दिनों वे मोटिवेशनल स्पीकर के साथ आवाज़ पर नियंत्रण के प्रशिक्षक के रूप में पूरी दुनिया में आमंत्रित किए जाते हैं।
विजय विक्रम सिंह ने बताया कि आवाज़ में उतार – चढ़ाव, ठहराव के लिए श्वासों पर नियंत्रण, उच्चारण की शुद्धता, भावों के साथ बात कहने का सलीका इत्यादि पर लगातार काम करना ज़रूरी है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे क्षणिक निराशा में नशे अथवा किसी अन्य ग़लत काम में उलझने की बजाय उसी समय जिंदगी में जो कुछ अच्छा हो रहा है, उस पर ध्यान देते हुए निराशा से उबरने की सलाह दी। उन्होंने निजी उदाहरण देते हुए कहा कि सेना में चयन ना होने पर वे घोर निराशा में डूब गए थे और उस समय उनके जीवन में जो दस अच्छी बातें हो रही थीं, उन्हें वे लगभग भूल गए थे।
श्री सिंह ने स्वीकार किया कि आवाज़ का अभिनय करने वाले अक्सर “बेस या खरज की आवाज़ के फेर” में पड़ जाते हैं और अपनी स्वाभाविक आवाज़ भूल जाते हैं। यहाँ तक कि वे हँसते भी बेस में हैं। उन्होंने स्वयं को ख़ुशकिस्मत बताया कि वे इस फेर में नहीं पड़े और इसीलिए आवाज़ के कई रंगों के साथ एक्टिंग में भी जौहर दिखा सके।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने विजय विक्रम सिंह का स्वागत किया. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रोनिक मीडिया रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर चंदन गुप्ता और पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष सोनाली नरगुंदे ने इंदौर शहर की ओर से विजय विक्रम का अभिनन्दन कर स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन आलोक बाजपेयी ने किया।