अभिनव कला समाज़ में जगजीतसिंह को याद किया गया।
ग़ज़ल गायक संतोष अग्निहोत्री ने सुनाई चुनिंदा गज़लें।
इंदौर : कालजयी गजल गायक जगजीत सिंह की पुण्यतिथि पर अभिनव कला समाज द्वारा “सलाम जगजीत “
शीर्षक से कार्यक्रम का आयोजन संस्था के गांधी हॉल परिसर के समीप स्थित सभागार में किया गया। इस दौरान जगजीत सिंह की गाई गजलें और भक्ति गीत गायक संतोष अग्निहोत्री ने पेश कर समां बांध दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत जगजीत जी के प्रसिद्ध अलबम ” मां ” से लिए गए भक्ति गीत अम्बे चरण कमल है तेरे… से की गई। बाद में हे राम… भक्ति गीत पेश किया गया। इसके बाद तो जगजीत सिंह की गाई वो गजलों का सिलसिला शुरू हो गया जिनके लिए वे जाने जाते हैं।
अपनी आंखो के समंदर में उतर जाने दे….
प्यार मुझसे जो किया तुमने, तो क्या पाओगी..
कोई ये कैसे बताए की वो तन्हा क्यू है…
होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है..
जैसी गजलें पेश कर संतोष अग्निहोत्री ने जैसे जगजीत सिंह को ही आंखों के सामने साकार कर दिया।
बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी..,
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो..
होठों से छूलो तुम मेरा गीत अमर कर दो..
तुमको देखा तो ये खयाल आया…
ऐसी कई नज्म, गजल और गीतों की सरिता बहती रही और लोग सुकून के साथ उनका आनंद लेते रहे।
ये दौलत भी लेलो ये शोहरत भी लेलो…
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक्त तो लगता है…
जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आइना रखना..
जैसी गजलें सुनाने के बाद संतोष अग्निहोत्री ने कार्यक्रम का समापन जगजीत सिंह की दिल को छू जाने वाली ‘गजल चिट्ठी न कोई संदेश’ से किया। इस ग़ज़ल को सुनते समय कई श्रोता अपने आंसूं रोक नहीं पाए।
संतोष अग्निहोत्री का तबले पर
साथ दिया अमोल कारखानिस ने। गिटार पर विकास जैन और की- बोर्ड पर मयूर पांडे ने संगत की। कार्यक्रम का सूत्र संचालन विद्याधर मुले ने किया।
कार्यक्रम में ग़ज़ल गायिका संकेतिका चौकसे,अभिषेक गावड़े,प्रवीण कुमार खारीवाल,कमल कस्तूरी, लक्ष्मीचंद वर्मा, बालकृष्ण सनेचा आदि अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया।आयोजन वरिष्ठ संगीतज्ञ स्व.अरविंद अग्निहोत्री की स्मृति को समर्पित था। अतिथियों ने सभी कलाकारों का स्वागत किया। अंत में संगीतकार जीके गोविंद ने आभार व्यक्त किया।