इंदौर : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर द्वारा एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैनेजमेंट स्कूल्स (एम्स) हैदराबाद के सहयोग से ‘केस डेवलपमेंट एंड एनालिसिस’ विषय पर 44वीं राष्ट्रीय केस राइटिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान अतिथि वक्ताओं ने केस डेवलपमेंट, एनालिसिस, राइटिंग और पब्लिकेशन पर विभिन्न सत्रों के दौरान अपने विचार रखे। वर्कशॉप के मुख्य अतिथि जीएनएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, प्रो. डॉ. दिलीप कुमार ने प्रतिभागियों को व्यावसायिक मामलों के विश्लेषण के विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
पीआईएमआर इंदौर के उप निदेशक, (डॉ.) मुरलीधर पंगा ने कहा कि केस राइटिंग वर्कशॉप का उद्देश्य मुख्य रूप से केस राइटिंग, एनालिसिस और प्रकाशन में उच्च क्षमता वाले फैकल्टी व केस राइटर्स को प्रशिक्षित करना तथा देश में केस टीचिंग कल्चर विकसित करना है।
डॉ. पल्लवी अग्रवाल, सहायक प्रोफेसर, पीआईएमआर इंदौर ने “अंतर्राष्ट्रीय केस रिपॉजिटरी में मामलों के प्रकाशन का महत्व” पर एक सत्र दिया। उन्होंने केस सेंटर में मामलों को प्रकाशित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सामग्री, भाषा, संरचना और पृष्ठभूमि नोट्स आदि से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशों पर भी चर्चा की, जो कि मामलों और शिक्षण नोट्स को तैयार करने के लिए आवश्यक हैं।
कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों ने संगठनों के साथ सीधे समन्वय और सहयोग करना सीखा। केस राइटिंग वर्कशॉप ने 67 से अधिक प्रतिभागियों को भारत भर के विभिन्न संगठनों के शीर्ष प्रबंधन के साथ ऑफलाइन और ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से जीवंत रूप से बातचीत करने के लिए एक अनूठी पहल और एक अभिनव दृष्टिकोण प्रदान किया। केस राइटिंग वर्कशॉप की समन्वयक डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने बताया कि कार्यशाला में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़, नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय, व्यावसायिक शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, भोपाल, बाबू बनारसी दास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट लखनऊ, और गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर सहित देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। 44वीं राष्ट्रीय केस राइटिंग कार्यशाला के समापन समारोह में, समूह के सभी प्रतिभागियों को अपने डेवलप्ड केस और शिक्षण नोट्स को विशिष्ट पैनल विशेषज्ञों के सामने प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान किया गया।