कंपनी के मालिक सहित चार आरोपी गिरफ्तार।
शेयर मार्केट में कई गुना मुनाफे का लालच देकर करते थे ठगी।
Zopier सॉफ्टवेयर के जरिए वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर व फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को करते थे कॉल।
इंदौर : क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा फर्जी शेयर एडवाइजरी कंपनी के कॉल सेंटर पर की गई छापामार कार्रवाई करते हुए धोखाधडी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर के मालिक,पार्टनर, व मैनेजर सहित कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
Honest Technology के नाम से मेदांता हॉस्पिटल के पास स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर के फ्लैट से ये फर्जी एडवाइजरी कंपनी संचालित की जा रही थी।आरोपियों ने ठगी की राशि प्राप्त करने के लिए 10% कमीशन पर बैंक खाते लिए थे।
zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को ठगने के लिए वे कॉल करते थे।क्राइम ब्रांच इंदौर में प्राप्त शिकायत में फरियादी से आरोपियों द्वारा शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कर कई गुना मुनाफा देने के नाम से झांसे में लेकर रुपए ठग लिए थे। ठग गैंग स्वयं को SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी बताकर, अवैध रूप से लोगों का डीमैट अकाउंट संचालित करते थे। आरोपियों के कब्जे से 18 मोबाइल , 06 लैपटॉप, 02 सीपीयू व फर्जी सिमकार्ड आदि जब्त किए गए।
पकड़े गए आरोपियों में मालिक (1).अमित खंडूजा निवासी परदेशीपुरा इंदौर, पार्टनर (2).राहुल चौधरी निवासी देवास, (3).महिपाल सिंह निवासी देवास एवं मैनेजर (4).सूरज मालवीय निवासी MR 11 इंदौर शामिल हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी अमित MBA किया हुआ है जो पहले प्राइवेट जॉब करता था। आरोपी राहुल BE इंजीनियर है। आरोपी महिपाल 12th पास है एवं आरोपी सूरज B.com पास है जो पहले एडवाइजरी कंपनी में जॉब करता था।उक्त सभी आरोपियों द्वारा योजना बनाकर फर्जी Honest Technology एडवाइजरी कंपनी शुरू की गई।उन्होंने 1 वर्ष में लगभग 800 लोगों से ठगी करने हेतु संपर्क किया था, जिसमें आरोपियों के द्वारा ग्राहकों से इनवेस्टमेंट के रूप में प्राप्त रुपयों को अपने बैंक खातों में प्राप्त न करते हुए 10 % कमीशन देकर अन्य लोगों के फर्जी बैंक खातों में डलवाया जाता था। zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर वे ग्राहकों को कॉल करते थे, जिससे लोगों के पास आरोपियों के निजी कॉन्टैक्ट नंबर न पहुँचें।आरोपियों ने कई लोगों को Algo ट्रेडिंग या डिमेट संचालन आदि के नाम से ठगना भी स्वीकार किया है। आरोपियों द्वारा ज्यादातर दूसरे जिले या राज्य के लोगों को टारगेट किया जाता था ताकि वह संपर्क न कर सकें।
चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ की जा रही है।