नीतीश सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के चलते आनंद मोहन को रिहा करने का लगाया आरोप।
हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था बाहुबली आनंद मोहन।
नई दिल्ली : दिवंगत IAS कृष्णैय्या की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बाहुबली आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है।उन्होंने कहा कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या में आनंद मोहन को पहले फांसी की सजा हुई थी। बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया। अब बिहार की नीतीश सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए आनंद मोहन को रिहा कर दिया। उमा कृष्णैय्या का कहना है कि आजीवन कारावास का मतलब अंतिम सांस तक जेल होता है लेकिन आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया।
नियम में संशोधन कर बाहर लाना गलत।
इससे पहले भी दिवंगत IAS जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा कृष्णैय्या ने कहा था कि आनंद मोहन को नियम में संशोधन कर बाहर लाना, अच्छा डिसीजन नहीं है। बिहार में कास्ट पॉलिटिक्स है। आनंद मोहन राजपूत हैं, राजपूत वोट बैंक साधने के लिए उसे बाहर लाया गया है। क्रिमिनल को बाहर लाने की क्या जरूरत है। दुःख की बात है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसमें इन्वॉल्व हैं।