इंदौर : सहकारी सोसायटियों की जमीनों की बंदरबाट करने वाला भूमाफिया बॉबी छाबड़ा पुलिस की गिरफ्त में है। हालांकि जमीनों के खेल में उसके साथी रहे कई भूमाफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। बॉबी की गिरफ्तारी के बाद भूखंड से वंचित रहे पीड़ित उसके खिलाफ शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। एलआईजी गुरुद्वारे के सामने स्थित अयोध्यापुरी कॉलोनी के भूखंड धारक भी अपनी गुहार लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बॉबी छाबड़ा और उसके साथियों पर कॉलोनी की करीब 6 एकड़ जमीन कूटरचित दस्तावेजों के जरिये तीन कम्पनियों को बेच देने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि अयोध्यापुरी कॉलोनी देवी अहिल्या गृह निर्माण सोसायटी ने काटी थी। 1986 में संस्था ने यह जमीन ली थी। संस्था को सीलिंग एक्ट की धारा 20 की छूट प्राप्त हो चुकी है। नगर निगम ने भी कॉलोनी की नियमितीकरण प्रक्रिया को पूरा करते हुए 1999 में कॉलोनी में सड़क, ड्रेनेज व अन्य विकास कार्य किये थे। 2002 में संस्था के 369 में से 311 सदस्यों को भूखंड आवंटित कर रजिस्ट्री भी कर दी गई। 2006 में बॉबी छाबड़ा ने संस्था पर कब्जा कर अपने साथी को डमी अध्यक्ष बना दिया। उसके बाद संस्था की करीब 6 एकड़ जमीन जिसपर पहले ही प्लॉट काटकर सदस्यों के पक्ष में रजिस्ट्री कर दी गई थी, को दुबारा तीन कम्पनियों को बेच कर उनके नाम रजिस्ट्री करवा दी गई। इसमें 4 एकड़ सिम्पलेक्स मेगा फाइनेंस, डेढ़ एकड़ केएस सिटी प्रायवेट लिमिटिड और शेष शिला पति अशोक जैन को बेची गई।इस धोखाधड़ी की शिकायत करने पर रजिस्ट्रार ने भी माना कि जमीन की दुबारा रजिस्ट्री कराई गई है।पीड़ितों का कहना है कि 2009 में तत्कालीन सीएसपी नरवरिया ने भी समूचे मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद भी आज तक बॉबी और उसके साथियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम उन्हें कॉलोनी में भवन निर्माण की अनुमति भी नहीं दे रहा है।
अयोध्यापुरी के भूखंड धारकों ने मांग की है कि बॉबी छाबड़ा और उसके साथियों पर धोखाधड़ी से जमीन बेचने के मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उनके द्वारा बेची गई जमीन की रजिस्ट्री निरस्त की जाए।
बॉबी छाबड़ा के फर्जीवाड़े का अयोध्यापुरी के भूखंड धारक भी भुगत रहे खामियाजा
Last Updated: February 20, 2020 " 09:10 am"
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