जे.के. योग इंदौर सेंटर की मेजबानी में रवीन्द्र नाट्य गृह में सरल हिन्दी में प्रवचन – संकीर्तन पर झूमे श्रद्धालु ।
इंदौर : जगदगुरू शंकराचार्य ने देश के चारों कोनों में धर्म, संस्कृति और अध्यात्म के प्रचार के लिए चार पीठ स्थापित किए और अपने चार प्रमुख शिष्यों को इन पीठों का उत्तराधिकारी बनाकर धर्म, संस्कृति के प्रचार की ऐसी योजना बनाई कि उनके सन्यासी शिष्य पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर वैदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करें। जब 12 वर्ष में एक बार कुम्भ मेला लगे तो सभी संत और विद्वान आपस में मिलकर देश की सनातन संस्कृति को मजबूत एवं समृद्ध बनाने की चर्चा करें। आज भी शंकराचार्यजी द्वारा स्थापित यह परंपरा एवं कुम्भ मेले का लक्ष्य हम सबके सामने है।
सच्चा आनंद और मुक्ति केवल भक्ति में है।
शंकराचार्य ने आम लोगों को यही संदेश दिया कि सच्चा आनंद और मुक्ति केवल भक्ति में ही है और भगवान का स्मरण ही हमें संसार के मोह-माया से मुक्त कर सकता है।
भक्ति और ज्ञान एक – दूसरे के पूरक।
रवीन्द्र नाट्य गृह में विश्व विख्यात संत और जगदगुरू स्वामी कृपालु महाराज के परम शिष्य, आईआईटी और आईआईएम जैसी उच्च उपाधि प्राप्त स्वामी मुकुंदानंद ने जे.के. योग इंदौर सेंटर के की मेजबानी में आयोजित व्याख्यानमाला के दूसरे दिन अपने दिलचस्प अंदाज और सरल हिन्दी में उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। बुधवार शाम को आयोजित इस प्रवचनमाला में स्वामी मुकुंदानंद ने कहा कि शंकराचार्यजी का जीवन इस बात का प्रतीक है कि भक्ति और ज्ञान एक-दूसरे के पूरक हैं। शंकराचार्य के आदर्शों पर चलकर व्यक्ति को आत्मिक शांति तो प्राप्त होगी ही, व्यक्ति चाहे तो अपने जीवन को भी एक उच्च और परम लक्ष्य से जोड़ सकता है।
व्याख्यान शुभारंभ के पूर्व जे.के. योग इंदौर सेंटर के राजेन्द्र माहेश्वरी, जे.पी. फड़िया एवं महेश गुप्ता आदि ने स्वामीजी का स्वागत किया। स्वामीजी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में भक्तों को मनोहारी भजनों पर भी खूब थिरकाया।
स्वामी मुकुंदानंद ने बुधवार सुबह कृषि महाविद्यालय एवं डेली कालेज क्षेत्र में शहर के 100 से अधिक प्रबुद्ध एवं गणमान्य नागरिकों से सहज संवाद किया। उन्होंने अपने शिष्यों की कुशल क्षेम पूछी और उनकी अध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। देश के हालातों, इंदौर की सफाई, मध्यप्रदेश में हर जिले में गीता भवन बनाने की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा और अन्य कई मुद्दों पर उन्होंने करीब एक घंटे तक बातचीत की। बाद में वे गीता भवन पहुंचे, जहां बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन एवं चमेलीदेवी योग केन्द्र के तत्वावधान में निशुल्क योग शिविर में शामिल लोगों को योगासन की आवश्यकता बताई। गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी ने उनका स्वागत किया। यहां से वे आनंदमयी आश्रम पहुंचे और वहां चल रही सेवा गतिविधयों तथा बीस वर्षों से चल रहे सत्संग की खुले मन से प्रशंसा की। आश्रम के प्रमुख स्वामी केदारनाथ महाराज और ट्रस्टी जे.पी. फड़िया ने उनकी अगवानी की।