नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामीश्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के सान्निध्य में नर्मदा तट, नेमावर में आयोजित की गई थी भागवत कथा।
अंतिम दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी दिए प्रवचन।
इंदौर : श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग के श्रीमद जगद्गुरू रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामीश्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के सान्निध्य में नर्मदा के पावन तट पर स्थित बालमुकुंद सेवाश्रम नेमावर में अधिक मास के चलते श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया। प्रतिदिन कथा के साथ ही प्रभात फेरी,सहस्त्रनाम अर्चना,कल्याण उत्सव के साथ ही लक्ष्मी नारायण भगवान का 108 रजत कलशों से अभिषेक भी किया गया।
कथा श्रवण कराने के लिए रामानुजाचार्य गया बिहार के पीठाधीश्वर स्वामी श्री वेंकटेश प्रपन्नाचार्य महाराज पधारे थे।उन्होंने श्रीमद भागवत के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भक्ति और आध्यात्म की वर्षा कर श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया।
भागवत कथा के अंतिम दिन प्रसिद्ध राष्ट्रीय संत पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि सप्ताह मे सात दिन होते हैं पर परिवार इसमें आठवा दिन है। कथा श्रवण के दौरान यह याद नहीं आना चाहिए। तभी चित्त शांत होगा और जीवन सार्थक होगा। प्राचीन पीठ जैसे रामानुज सम्प्रदाय (हजार वर्ष पुरानी) सहित अन्य प्राचीन पीठ के गुरुओं से दीक्षा लें। यही तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करेंगे। असली गुरू अपने चेले को धर्म, कर्म की बात के साथ हरि स्मरण का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस अवसर पर नागौरिया पीठाधिश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा पं. प्रदीप मिश्रा ऐसा व्यक्तित्व हैं जिन्होंने नगर – नगर गांव – गांव मे सनातन का शंखनाद कर दिया। लोग चमत्कार देख कर धर्म की तरफ आकर्षित होते हैं पर उन्होंने ऐसा उपदेश किया कि सभी मंदिर जाने लगे।
इस दौरान भगवान का विवाहोत्सव, कल्याण उत्सव मनाया गया। वेसे तो प्रतिदिन 5000 भक्त अन्न क्षेत्र में खुला भंडार में प्रसादी ले रहे थे पर
समापन अवसर पर आसपास के 40 गाँव के सभी भक्तों को भोजन प्रसादी का निमंत्रण दिया गया। करीब 20 हजार भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। यह जानकारी मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने दी