इंदौर : कोरोना संक्रमण के पलटवार से बढ़ती चिंता के बीच संगीत की स्वर लहरियां कानों में रस घोलने का काम करती हैं। दिल- दिमाग को सुकून देने वाली गायन- वादन की भावपूर्ण प्रस्तुतियों से सजा ऐसा ही कार्यक्रम ‘स्वर- तरंग’ शनिवार को इंदौर प्रेस क्लब के सभागार में प्रारम्भ हुआ। प्राचीन कला केन्द्र चंडीगढ़ द्वारा इंदौर प्रेस क्लब के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय महफ़िल में पहले दिन सबसे पहले शारदा कला केंद्र की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना पेश की। इसके बाद मंच संभाला आयुष मोरोने ने। उन्होंने सुमधुर सितार वादन पेश किया। मोरोने ने सांध्यकालीन राग श्री की बानगी पेश की। उनकी तंत्रकारी लाजवाब रही। विभास राजहंस ने उनके साथ कसावट भरी तबला संगत की।
कार्यक्रम के अगले कलाकार के रूप में मंच पर आई स्मिता मोकाशी। उन्होंने सुशीला पारनेरकर की बंदिश सजन बिन मेरी आली गाकर स्वर तरंग का सुरीला अभिषेक किया। संगीता अग्निहोत्री ने तबला और रचना शर्मा ने हारमोनियम पर सुयोग्य संगति की। कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम चरण में ख्यात तबला वादक हितेंद्र दीक्षित ने सोलो तबला वादन पेश किया।उनके वादन में रियाज और कल्पनाशीलता का मनोहारी सामंजस्य देखने- सुनने को मिला।
प्रारम्भ में वरिष्ठ गायिका शोभा चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। अतिथि कलाकारों का स्वागत विजय गावड़े, बुद्धू खा और वैशाली बकोरे ने किया। संचालन संजय पटेल ने किया। आभार सुब्रतो डे ने माना।
गायन- वादन की स्तरीय प्रस्तुतियों से सुरभित हुआ स्वर- तरंग का पहला दिन
Last Updated: March 14, 2021 " 04:21 am"
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