इंदौर : लोहार पट्टी स्थित श्रीजी कल्याण धाम खाड़ी के मंदिर पर चल रहे भक्तमाल कथा महोत्सव में गुरुवार को महामंडलेश्वर स्वामी रामचरण दास महाराज के सान्निध्य में मीराबाई की भक्ति गाथा को लेकर प्रेरक विचार रखे गए। इस मौके पर आचार्य पंडित बालकृष्ण शास्त्री ने कहा कि 13 वी से 16 वी शताब्दी तक सनातन धर्म और संस्कृति खतरे में थी लेकिन इसी अवधि में बड़ी संख्या में संतों का अवतरण हुआ वहीं भक्ति की धारा भी मजबूत हुई। इसीलिए इस काल को भक्ति युग भी कहा गया। ये भक्ति की ही शक्ति थी कि जो जहर मीरा ने पिया था वह अमृत बन गया। कलियुग में ऐसे भक्तों के चरित्र लोगों के जीवन में श्रद्धा का सृजन करते हैं। भक्तों ने ही धर्म और संस्कृति की रक्षा कर देश का मान बढ़ाया है।
कथा के पूर्व गोलू शुक्ला, अक्षय तिवारी, श्रवण सिंह चावड़ा, मनोहर दास सोमानी, उषा सोनी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। शाम को आरती में श्रीकृष्ण महिला मंडल की बहनों ने भाग लिया।
संयोजकों ने बताया कि 27 दिसंबर को भागवत कथा की पूर्णाहुति शाम को 6 बजे यज्ञ- हवन के साथ होगी।
भागवत कथा में मीराबाई के प्रेरक प्रसंग पर डाला गया प्रकाश
Last Updated: December 27, 2019 " 12:36 pm"
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