भारतीय सेना को निपुण बनाने में रक्षा प्रशिक्षण संस्धानों की है अहम् भूमिका : राजनाथ सिंह

  
Last Updated:  December 30, 2024 " 08:49 pm"

इंदौर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका की सराहना की है। रक्षा मंत्री डॉक्टर अम्बेडकर नगर महू में भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों – आर्मी वॉर कॉलेज (AWC), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (MCTE) के दौरे पर थे। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

राजनाथ सिंह को कार्यवाहक कमांडेंट द्वारा उन्नत ऊष्मायन व अनुसंधान केंद्र की स्थापना और प्रौद्योगिकियों के अवशोषण और परिवर्तन को सक्षम करने की दिशा में विभिन्न समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी गई।

रक्षा मंत्री ने आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट और इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास के साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई। रक्षा मंत्री ने एडब्ल्यूसी में तीनों संस्थानों के सभी रैंकों के साथ बातचीत भी की।

इस अवसर पर सैन्य जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जवानों के साहस और सतर्कता की सराहना की। उन्होंने कहा, “आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है। आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं।”

देश विरोधी गतिविधियों पर रखें नज़र।

राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सतर्क नज़र रखने और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कईं बार सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सैनिकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ समय पर और प्रभावी कदम उठाएं।

2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनेगा भारत।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “आप हमारी सीमाओं के रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं। मुझे विश्वास है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।”

बाबासाहब को अर्पित किए श्रध्दासुमन।

इससे पहले, राजनाथ सिंह ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और बाबासाहब को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *