इंदौर : भिक्षुक पुनर्वास अभियान के तहत शहर में रहने वाले बेसहरा व्यक्तियों एवं भिक्षुकों के पुनर्वास के लिये मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त अभय रांजनगांवकर, स्वयंसेवी एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि यों सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित सदस्यों को बताया कि शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिये भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र संचालित किया जाएगा। इस केन्द्र में भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों की समुचित व्यवस्था की जाएगी। उनके स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन और कपडों आदि का पूरा इंतजाम किया जाएगा। इस केन्द्र में भिक्षुकों की देखभाल कर उन्हें भिक्षावृत्ति के व्यापार से बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सिर्फ जन-भागीदारी के साथ ही सफल बनाया जा सकता है।
संवेदनशीलता के साथ की जाए भिक्षुकों की देख-भाल
भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित स्वयंसेवी सगठनों से सुझाव मांगे तथा आगे बढ़कर प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान में सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे स्वयंसेवकों और व्यक्तियों की जरूरत है, जो पुनर्वास केन्द्र में आरंभिक चरण में मानवीयता एवं संवेदनशीलता के साथ भिक्षुकों एवं बेसहरा व्यक्तियों की देखभाल कर सकें। इच्छुक संगठनों को नगर निगम की टीम द्वारा सभी संसाधन एवं आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। देख-भाल के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठन भिक्षावृत्ति स्थलों का चिन्हांकन, भिक्षुकों का सर्वे, कौशल प्रशिक्षण, कार्य क्षमता का आकलन कराने के कार्य में भी सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
बैठक में उपस्थित संस्था प्रवेश, अमरलाल वृद्धा आश्रम, निराश्रित सेवा आश्रम एवं अन्य कई संगठनों के सदस्यों ने शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के अभियान में प्रशासन को सहयोग देने के लिये सहमति प्रदान की। कलेक्टर श्री सिंह ने संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं प्रशासन को सहयोग देने में तत्परता दिखाने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिये नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों को मिलकर आपसी सहयोग से कार्य करना होगा।, तभी यह प्रयास सफल होगा।