लखनऊ : NIA कोर्ट ने मार्च 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट मामले में 7 दोषियों को फांसी और 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस वक्त कोर्ट में आठों आतंकी मौजूद थे। ट्रेन ब्लास्ट में कुल 9 आतंकी शामिल थे। इनमें से एक का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है।
इन्हें दी गई फांसी की सजा।
एनआईए कोर्ट ने जिन आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई उनमें मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान,मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल रॉकी । मोहम्मद आतिफ ईरानी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सैफुल्ला नामक आतंकी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
जाकिर नाइक का वीडियो दिखाकर उकसाते थे युवाओं को।
एनआईए द्वारा कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में 9 आतंकियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन, विस्फोटक और हथियार जुटाने के आरोप लगाए गए थे और इनके सबूत भी दिए गए थे। जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया था कि ये लोग जाकिर नाइक का वीडियो दिखाकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाते थे।
पुलिस ने आतंकियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। लखनऊ के काकोरी में हुई मुठभेड़ में सैफुल्ला मारा गया था। जबकि अन्य आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद हुए थे। इसके बाद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने करते हुए बाकी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
इस केस में 21 मार्च, 2018 को आरोप तय किए गए थे। शुक्रवार यानी 24 फरवरी को कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराया था।
07 मार्च 2017 को हुआ था पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट।
07 मार्च 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन (59320) सुबह 6:25 बजे तय समय से भोपाल स्टेशन से रवाना हुई थी। सुबह पौने दस के करीब शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन के करीब ट्रेन में जोरदार धमाका हुआ। इसमें नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस धमाके से ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई थी। कुछ लोग चलती ट्रेन से कूद गए, जिसकी वजह से उन्हें चोटें आईं।
14 मार्च 2017 को केंद्र सरकार ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी। जांच में सामने आया कि आतंकी संगठन ISIS से जुड़े आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था। जांच एजेंसियों ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से सभी नौ आरोपियों को गिरफ्तार मय सबूतों के चार्जशीट एनआईए कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए 07 को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई।