इंदौर में प्राचार्या विमुक्ता शर्मा के निधन पर जताया शोक।
श्रीमती शर्मा को जिंदा जलाने की घटना स्तब्ध करने वाली।
शिवराज सरकार में अपराधी और माफिया बैखोफ हो गए हैं।
भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने इंदौर के बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्य श्रीमती विमुक्ता शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि श्रीमती शर्मा के निधन का समाचार स्तब्ध करनेवाला है। मध्य प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। शिवराज सरकार में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद है कि श्रीमती शर्मा को दिन दहाड़े पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया। वे 80 से 90 प्रतिशत झुलस गई, 4 दिन जीवन के लिए संघर्ष किया और अंततः प्राण त्याग दिए।
पुलिस की लापरवाही से गई श्रीमती शर्मा की जान।
कमलनाथ ने अपने बयान में कहा है कि घटना के आरोपी के संबंध में प्राचार्य द्वारा पुलिस को लिखित में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पुलिसिया लापरवाही की क़ीमत श्रीमती शर्मा को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी।
प्रदेश में बेखौफ हैं अपराधी और माफिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि पिछले 18 वर्षों में मध्यप्रदेश महिला अत्याचार, बलात्कार के मामलों में देश में निरंतर प्रथम स्थान पर आता रहा है। सिमरोल क्षेत्र की घटना अत्यधिक ह्रदय विदारक एवं पीड़ादायी है। प्रदेश की बेटी का ऐसा अंत मन और ह्रदय द्रवित करने वाला है। महिलाओं की यह स्थिति शर्म से नजरें झुका देती हैं। कमलनाथ ने कहा कि एक भद्र महिला को दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर जला देना कोई साधारण घटना नहीं है। इंदौर की घटना एक बड़ी घटना है। माफिया और अपराधी प्रदेश में बेखौफ हैं। प्रदेश के हालत बदतर हो रहे है।यह घटना प्रदेश में महिला सुरक्षा के दयनीय हालत बताती है।
प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति बदतर हो चुकी है। प्रदेश में तीन-चार साल की अबोध बालिका से लेकर वरिष्ठ महिला नागरिक तक कोई सुरक्षित नहीं है।
कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासी समाज की महिलाओं के साथ आए दिन दुष्कर्म हो रहें हैं।आदिवासियों पर अत्याचार रोकने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
महिलाओं से गैंग रेप के मामले में मध्यप्रदेश सालों से पहले स्थान पर है। मध्यप्रदेश महिला आत्महत्या में नंबर 1 है और अब तो बाल अपराध में भी मध्यप्रदेश नंबर 1 आने लगा है।
मध्यप्रदेश आदिवासी अपराध में शीर्ष पर है। सर्वाधिक दलित अपराध वाले राज्यों में मध्यप्रदेश शामिल है।
मध्यप्रदेश की संस्कृति, मध्यप्रदेश के संस्कार, मध्यप्रदेश की मिट्टी और उसकी जड़ों से जुड़े होने की केवल नाटक नौटंकी करने वाली सरकार 18 साल से महिलाओं, बच्चों और वंचितों की अस्मिता को क्यों नहीं सुरक्षित रख पा रही है ? क्या 18 साल का समय व्यवस्था बनाने के लिए कम होता है ?
भाजपा सरकार को प्रदेश की 8.5 करोड़ जनता और मध्यप्रदेश के सम्मान की रत्ती भर भी चिंता होती तो 18 साल तक महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने में निरंतर असफल होने के बाद पद त्याग कर घर बैठ जाना चाहिए, परंतु लोकतंत्र की हत्या कर सौदे से सत्ता हड़पने वालों से सुराज और सुशाशन की उम्मीद बेमानी है। ऐसी सरकार को आगामी चुनाव में जनता उखाड़कर फेंकेगी।