उज्जैन : महाकाल परिसर अब ‘महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में उज्जैन में संपन्न हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को नव श्रृंगारित महाकाल मंदिर परिसर के प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे।
महाकाल परिसर के सम्पूर्ण क्षेत्र का आकर्षक सौंदर्यीकरण किया गया है। रूद्र सागर पुनर्जीवित हो गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों को महाकाल परिसर परियोजना के कार्यों से अवगत करवाते हुए कहा कि पिछले सिंहस्थ के बाद यह विचार आया कि महाकाल परिसर का विस्तृत विकास किया जाए। इसके लिए वर्ष 2017 में सभी वर्गों के साथ मिल कर परिसर विस्तार की योजना बनाई गई। परिसर विस्तार के प्रथम चरण में 351 करोड़ रूपए के कार्य हो चुके हैं। दूसरे चरण के लिए 310 करोड़ 22 लाख के कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने महाकाल महाराज के चरणों में प्रणाम करते हुए देश, प्रदेश के कल्याण, सभी के सुखी और निरोग होने के साथ सबके लिए मंगल कामना की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल महाराज उज्जैन के राजा हैं और हम लोग सेवक हैं। हम सेवक के नाते महाकाल महाराज की नगरी में बैठक कर उनसे प्रार्थना कर रहे हैं, कि उनकी कृपा और आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उज्जैन में महाकाल महाराज की सवारी पुलिस बैंड के साथ निकलती है। हम महाकाल पुलिस बैंड प्रारंभ करेंगे, जिनका उपयोग विभिन्न त्यौहार और पर्व पर किया जाएगा। इसके लिए 36 नये पद सृजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल परिसर विस्तार के लिए हमने दो चरण तय किए, प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये का था, फिर हमने द्वितीय चरण के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। परिसर विस्तार के कार्य में कई मकान विस्थापित किए इसपर 150 करोड़ रूपए खर्च किए। रूद्रसागर के पुनर्जीवित होने से इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैद्धांतिक फैसला ये भी किया गया है कि नर्मदा जी का जल सदैव क्षिप्राजी में आएगा। कल-कारखानों का जो दूषित जल है, उसको डायवर्ट करने का काम चल रहा है। क्षिप्रा नदी के किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा।