महाराष्ट्र साहित्य सभा के नाट्योत्सव में अंतिम दिन खेले गए 5 नाटक

  
Last Updated:  March 28, 2022 " 02:50 pm"

इंदौर : सौ वर्ष से अधिक पुरानी साहित्यिक संस्था महाराष्ट्र साहित्य सभा के 60 वे शारदोत्सव पर आयोजित 3 दिवसीय मराठी नाटय महोत्सव के अंतिम दिन माई मंगेशकर सभागृह में 5 नाटकों की प्रस्तुति दी गई,जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्रतिसाद मिला।
यह जानकारी संस्था अध्यक्ष अश्विन खरे और संयोजक मिलिंद देशपांडे ने दी। उन्होंने बताया कि रविवार को दोपहर से ही नाट्य प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चला।
सबसे पहले प्रयास नाटय संस्था द्वारा मुकुंद तेलंग के निर्देशन में हास्य नाटक ‘हसवा रे’ की प्रस्तुति दी गई। इस नाटक ने दर्शकों को बहुत हसाया। इसका संदेश यह था कि कोरोना महामारी ने हम सबको बहुत विचलित कियाहै, अतः छोटी छोटी बातों में खुशी ढूंढे और सकारात्मक जीवन जिए।अगर परिवार में थोड़ी बहुत खटपट भी हो तो उसे तुल देने के बजाय मौके पर ही निपटा ले।इस नाटक में सोनाली पाठक,रेणुका पिंगले,सुषमाअवधूत,अनिल, सीमा गुप्ते आदि कलाकारों ने शानदार अभिनय किया।
दूसरा नाटक कोरोना पर था, जिसमे हास्य व्यंग्य का मिश्रण था।इस नाटक में सास-बहू दोनो कोरोन पॉजिटिव है और युवक वर्क फ्रॉम होम में घर पर लैपटॉप पर काम करता है। घर में सास-बहू में इतनी तकरार होती है कि युवक के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। एक तरफ माई है तो दूसरी तरफ पत्नी। बाहर लोकडाउन है इसलिए घर में रहना सबकी मजबूरी है। परिहास और नोक झोंक आखरी तक जारी रहती है। इसका निर्देशन रुई नायक ने किया और सूत्र धार थे नाटय कर्मी सुनील मतकर।
तीसरे नाटक में हास्य कम रहस्य ज्यादा था,जिसमें मालिक और कर्मचारी दोनो एक दूसरे से डरते थे, बाद में पता चलता है कि जिस महिला ने उनका जीना हराम कर रखा है ,वह महिला कोई और थी।
दर्शकों की सबसे ज्यादा दाद मिली मराठी नाटक ‘इत्तीसी खुशी’ को। इस नाटक में एक घरेलू महिला है ,जो सरकारी नोकरी की खातिर अपने पति को छोड़कर मुंबई से बैंगलोर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंच जाती है। संयोग से ट्रेन लेट थी,उसी दौरान महिला की भेट एक यात्री से होती है। जब उसे इस घटना का पता चलता है तो वह महिला को फैमिली के मायने बताता है कि इस एक फैसले से उसका परिवार बिखर सकता है। काफी समझाइश के बाद महिला मान जाती और अपने पति के साथ आखिर में घर चली जाती है। इस नाटक में राहुल भराड़े, हीना शेगावकर, अमय नेमावर ने जोरदार अभिनय किया। पांचवा और अंतिम मराठी नाटक ‘चिखलतराज जगन्नाथ’ पेश किया गया।

प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत कार्याध्यक्ष अर्चना चितले व अनिल दामले ने किया।
अतिथि परिचय प्रफुल्ल कस्तूरे, रंजना ठाकुर, अरविंद जवलेकर, मधुकर निर्खीवाले और वैशाली पिंगले ने दिया। संचालन मिलिंद देशपांडे ने किया और आभार प्रफुल्ल कस्तूरे ने माना।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *