मां अहिल्या को समर्पित रहेगी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा

  
Last Updated:  July 21, 2024 " 06:03 pm"

कावड़ यात्रा में भगवान भोलेनाथ के अभिषेक की तीन झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित राज्य मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य, विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी कावड़ यात्रा में शामिल होंगे।

इंदौर : मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा इस बार त्याग, न्याय और सेवा की प्रतिमूर्ति प्रातःस्मरणीया देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती को समर्पित रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अनेक मंत्रियों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों ने भी यात्रा में शामिल होने की स्वीकृति प्रदान की है। यात्रा रविवार,21 जुलाई को मरीमाता चौराहे से बस द्वारा महेश्वर प्रस्थान करेगी। वहां से सोमवार, 22 जुलाई को सुबह 7 बजे मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं चुनरी समर्पण के बाद कावड़ यात्रा के रूप में उज्जैन के लिए प्रस्थित होगी।

तीन झांकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र।

यात्रा के साथ इस बार तीन प्रमुख झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहेंगी, इनमें भगवान भोलेनाथ की 21 फीट ऊंची प्रतिमा, भगवान भोलेनाथ का मछलियों द्वारा जलाअभिषेक और भूत – पिशाच व राक्षसों द्वारा भोलेनाथ के अभिषेक की झांकियां शामिल हैं। इन झांकियों को स्थानीय कलाकारों ने बड़ी शिद्दत से उकेरा है। वाटर प्रूफ इन झांकियों का काफिला कावड़ यात्रा के साथ पूरे समय चलेगा। मार्ग में अनेक स्थानों पर संतों, विद्वानों एवं महामंडलेश्वरों द्वारा कावड़ यात्रा के स्वागत की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक रात्रि विश्राम वाले स्थल पर भजन गायक श्रीधर झरकर एवं गन्नू महाराज की टीम द्वारा भजन संध्या और सुबह कावड़ यात्रा प्रारंभ होने के पहले कन्या पूजन के आयोजन होंगे।

यात्रा मार्ग में रोएंगे 11 हजार औधे

यात्रा संयोजक एवं विधायक गोलू शुक्ला ने उक्त जानकारी देते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के साथ इस बार भी यात्रा मार्ग में 11 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक पौधा मां के नाम तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा प्रदेश को हरा-भरा बनाने के संकल्प के अनुरूप इस बार कावड़ यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम वाले लगभग सभी स्थानों पर पौधे रोपने और उनकी देखभाल तथा साज-संभाल भी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।

21 जुलाई को दोपहर 1 बजे मरीमाता चौराहे से बसों द्वारा महेश्वर तथा वहां से 22 जुलाई को सुबह 7 बजे मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं चुनरी समर्पण के बाद कावड़ में नर्मदा का पवित्र जल लेकर यह यात्रा प्रारंभ होगी। करीब 180 किलोमीटर की इस दूरी को लगभग 5 हजार श्रद्धालु 8 दिनों में तय करेंगे।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यात्रा 23 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 24 जुलाई को मानपुर से महू, 25 जुलाई को महू से इंदौर में रात्रि विश्राम के बाद 26 को सुबह नगर भ्रमण करते हुए रेवती रेंज और 27 को रेवती रेंज से पंथपिपलई और वहां से 28 को रात्रि में उज्जैन अहुंचेगी 29 की सुबह भगवान महाकालेश्वर के जलाभिषेक के साथ यात्रा का समापन होगा।

इस बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तथा मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य, विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी अलग –अलग स्थानों पर इस यात्रा में शामिल होंगे। समूची यात्रा प्रातःस्मरणीया देवी अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित रहेगी, जिनकी 300वीं जन्म जयंती पूरे देश एवं प्रदेश में मनाई जा रही है।

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