माताएं अपने बच्चों को ध्रुव, प्रह्लाद और भगत सिंह बनने के संस्कार दें- साध्वी ऋतम्भरा

  
Last Updated:  March 30, 2022 " 08:38 pm"

इंदौर : भारत भूमि पूरे विश्व में अपनी अनूठी पहचान रखती है। हमारी सीमाओं पर ऐसे जवान तैनात हैं जो या तो तिरंगा फहराकर आते हैं या तिरंगे में लिपटकर आते हैं। भारत की मजबूती बहुसंख्यक समाज ही निश्चित करेगा। हमारी माताओं को चाहिए कि भारत की धरती पर वे अपनी संतानों को ध्रुव, प्रहलाद और भगतसिंह बनाने का संस्कार दें। बहुत से लोग धनवान हो सकते हैं पर श्रीवान नहीं हो सकते। जब उन्हें भारत भूमि की रक्षा, अनाथ बच्चों को पालने, मंदिर के शिखर बनाने या उनमें विग्रह स्थापित करने, नर्मदा और क्षिप्रा के जल को अक्षुण्य बनाने जैसे सदकर्मों में अपना धन खर्च करने की भावना आ जाए तो समझना कि ‘श्री’ आ गई है। शराब और तंबाकू आदि का नशा करके नालियों में पड़े रहने वाले लोग धनवान हो सकते हैं, श्रीवान नहीं हो सकते।

ये दिव्य और प्रेरक विचार दीदी मां के नाम से प्रसिद्ध साध्वी
ऋतंभरा देवी ने व्यक्त किए। वे अन्नपूर्णा आश्रम ट्रस्ट और वात्सल्य सेवा समिति के तत्वावधान में अन्नपूर्णा आश्रम परिसर में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव में जानकी की विदाई, राम के वनवास गमन और केवट प्रसंग का वर्णन किया। कथा के समापन अवसर पर शहर को पांच बार सफाई में नंबर वन का खिताब दिलाने वाले उन सफाई योद्धाओं का सम्मान भी किया गया, जो 24 घंटे शहर की सफाई में सड़कों पर सेवाएं दे रहे हैं।

कथा शुभारंभ के पूर्व महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सान्निध्य में यजमान निर्मल रामरतन अग्रवाल, आयोजन समिति के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, श्याम सिंघल, किशोर गोयल, जगदीश भाई पटेल, मुरारी शाह, सत्यनारायण दूधवाले, रूपकुमार माहेश्वरी, अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंघल, पवन सिंघल, पूर्व अध्यक्ष अरविंद बागड़ी, कुलभूषण मित्तल, माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश मूंगड़, सीए विजय राठी, भूरेलाल बारचे, कमल पाटीदार, रामेश्वर असावा, मुकेश असावा, रमेश चितलांगिया, रमेश धनोतिया आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में नागपुर, खंडवा, जबलपुर, छतरपुर एवं आसपास के शहरों के श्रद्धालु भी आए हैं। शाम को विधायक मालिनी गौड़ एवं अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने पुष्प वर्षा कर सफाई योद्धाओं को सम्मानित किया। संचालन संजय बांकड़ा एवं साध्वी सत्यप्रिया ने किया। कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक हो रही है। गुरुवार 31 मार्च को भरत प्रसंग की कथा एवं उत्सव होंगे तथा पूर्व सैनिकों का सम्मान किया जाएगा। कथा में दिनोंदिन भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है।

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