मुरैना : राष्ट्रीय पक्षी मोर पर मुरैना जिले में शिकारी घात लगाए बैठे हैं। लगातार मोरों की मौत हो रही है। बीते 6 दिन में 50 मोरों की मौत हो चुकी है। बताया जाता है कि मौके से जहरीला दाना भी बरामद हुआ है। बता दें कि 16 जून से लगातार मोरों की मौत हो रही है, बावजूद इसके वन विभाग का रवैया उदासीन नजर आ रहा है. जिससे लोगों में आक्रोश है।
जहरीला दाना खाने से पचास मोरों की मौत।
वन विभाग के स्थानीय रेंजर के मुताबिक 16 जून को दौलसा गांव के पास से 12 मोरों के शव बरामद किए गए थे, जिसमें 5 नर और 7 मादा मोर के शव थे। इसी प्रकार 20 जून को जंगल में 30 मोरों के शव फिर मिले, जिनमें 8 नर और 22 मादा मोर के शव शामिल हैं। इसके बाद सोमवार देर शाम को फिर से 8 मोर मृत अवस्था में मिले। इस प्रकार मोरों के मिले शवों को मिलाकर कुल 50 मोर की मौत हो चुकी है। वन विभाग की टीम ने मौके से जहरीले चावल और गेहूं के दाने भी बरामद किए हैं। इससे साफ जाहिर है कि क्षेत्र में मोरों का शिकार करने वाला गिरोह सक्रिय है। वन विभाग की टीम मोरों के शव एकत्रित करने के बाद वाहन में रखकर बानमोर के पशु अस्पताल ले गई. जहां डॉक्टरों के तीन सदस्यीय दल में शामिल डॉ. विवेक श्रीवास्तव, डॉ. राजेश शर्मा और डॉ. दिनेश दीक्षित ने मोरों के शवों का पोस्टमार्टम किया।
जांच के लिए ग्वालियर, सागर और जबलपुर भेजे गए सैंपल।
डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि प्राथमिक जांच में मोरों की मौत जहरीला दाना चुगने से हुई है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी, इसके लिए नमूने लेकर जांच के लिए ग्वालियर,सागर और जबलपुर फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं। तीन जगह से रिपोर्ट आने के बाद फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी।
मुरैना में 10 हजार है मोर की संख्या।
उल्लेखनीय है कि मुरैना जिले में राष्ट्रीय पक्षी मोर की कुल संख्या करीब 10 हजार के आसपास है। अक्सर शिकारियों की नजर इनपर बनीं रहती है।मुरैना के अलावा शिवपुरी और श्योपुर जिले से भी शिकारी यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने आते हैं। मोर को मारकर उसका मांस व पंख बाजार में बेचे जाते हैं।
जांच के बाद होगी कार्रवाई-वन विभाग।
डीएफओ का कहना है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर की हत्या किसने की है,इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उनके खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।