महापौर पुष्यमित्र भार्गव और डॉ. डीके तनेजा ने किया कांफ्रेंस का औपचारिक उद्घाटन।
महापौर ने शहर के सभी वार्डों में नि:शुल्क योग कक्षाएं लगाने का किया ऐलान।
कांफ्रेंस के पहले दिन योग के जीवन में महत्व पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश।
इंदौर : धार रोड स्थित चोइथराम नेत्रालय में आयोजित योग संकल्प 2024 एवं अंतरराष्ट्रीय योग कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन व प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.के. तनेजा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में वैदिक पद्धति से हवन भी किया गया। इस योग कॉन्फ्रेंस में 650 से अधिक देश विदेश के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
सभी वार्डों में लगेंगी नि:शुल्क योग कक्षाएं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मौके पर “स्वच्छ इंदौर, स्वस्थ इंदौर” पहल के तहत शहर के 85 वार्डों में निशुल्क योग कक्षाओं की घोषणा की। उन्होंने हरिओम योग केंद्र के संस्थापक स्व. आरसी वर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक चंद्रशेखर आजाद और डीएवीवी के योग विभाग प्रमुख एस.एन. शर्मा को योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
डॉ. डी.के. तनेजा ने कार्यक्रम में अपना उद्बोधन देते हुए स्वस्थ जीवनशैली में योग और गहरी सांसों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि योग के नियमित अभ्यास से जीवन को लंबा और निरोगी बनाया जा सकता है।
योगाभ्यास से मिलता है जीवन का वास्तविक आनंद।
चिन्मय मिशन के प्रमुख स्वामी प्रबुद्धानंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन का वास्तविक आनंद भौतिक साधनों से नहीं, बल्कि आंतरिक यात्रा और योगाभ्यास से प्राप्त होता है।
पोस्टर प्रदर्शनी और पुरस्कार वितरण।
इस अवसर पर योग छात्रों द्वारा लगाई गई पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन समाजसेवी रामदास गोयल ने किया। श्रेष्ठ पोस्टर बनाने के क्रम में अनुराग मलिक को प्रथम, माधुरी गड़ेवाल को द्वितीय और मनोज वर्मा को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सम्मेलन के पहले दिन स्वामी प्रबुद्धानंद ने “आध्यात्मिकता के माध्यम से सुख और स्वास्थ्य” पर व्याख्यान दिया वहीं डॉ. रचना वर्मा ने “शारीरिक दर्द का योग के माध्यम से प्रबंधन” पर चर्चा की।
डॉ. विश्वरूप राय चौधरी ने “कल्याण के लिए आहार के महत्व” पर व्याख्यान दिया। इसके बाद योग क्विज और 22 वैज्ञानिक शोध पत्रों की प्रस्तुति के जरिए योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
डॉ. प्रकाश मालशे ने “योगिक प्रथाओं के माध्यम से स्वास्थ्य” पर और डॉ. राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर ने “योग दर्शन: सत्य और मिथक” पर व्याख्यान दिया। सम्मेलन के पहले दिन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम और महिला भजन मंडली की प्रस्तुति के साथ किया गया।
सम्मेलन के आयोजक डॉ.अश्विनी वर्मा और सचिव डॉ. संजय लोंढे ने बताया कि यह दो दिवसीय आयोजन योग के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर केंद्रित है। जिसमें कई सारे स्टाल के माध्यम से पुस्तकों,आहार, बीमारियों, आसनों की जानकारी दी जा रही है।