♦️नरेंद्र भाले ♦️
आप का तो पता नहीं लेकिन मैं निश्चित ही गांव गया हूं। वहां मैंने देखा बैलगाड़ी के नीचे चलने वाले मेला सोनू , मेला बाबू को। वह गरियाते हुए इतने शान से चलता है मानो बैलगाड़ी उसी के कारण चल रही है। बड़ा मजेदार दृश्य होता है। बस यही हाल रॉयल चैलेंजर्स के कप्तान विराट का है। अपनी अकड़ में यह महामानव दूसरे खिलाड़ियों को रेंगने वाला समझता है। पिछले मैच में वॉर्नर सस्ते में निपट गए थे लेकिन हेकड़ ने जिस अंदाज में वॉर्नर को आंखें दिखाई मानो खुद एवरेस्ट फतह करके आया है।
कल तो किंग्स के खिलाफ उनके तेवर ऐसे थे मानो सामने गली मोहल्ले की टीम हो। बुझे हुए हुक्के गुडगुडाना इसका प्रिय शगल है और झेलना टीम सदस्यों की नियति। वास्तव में डेल स्टेन के गन में वह बारूद बची ही नहीं है कि बल्लेबाजों का शिकार कर सके। बंदा फेकता रहा और कूटावडे होते रहे। जिस अंदाज में उमेश यादव गेंद फेंक रहे थे मानो विराट पर अहसान कर रहे हैं। बंदा कसम खाकर आया था कि एक ऑफ में और दो लेग में लेकिन टप्पे पर नहीं फेंकूंगा। भला हो चहल का जिन्होंने अच्छी पारी खेल रहे मयंक के लाकडे उड़ा दिए। इस दौरान मयंक और राहुल विकेट पर इस अंदाज में दौड़ रहे थे मानो खरगोश कुलांचे भर रहे हों। ये तो शिवम दुबे का अहसान रहा कि उन्होंने पूरन तथा मैक्सवेल को चलता कर दिया। अंतिम ओवर में युवा शिवम को सपाटे पड़ गए। उस समय विराट उन्हें इस अंदाज में देख रहे थे मानो बेचारे ने कोई गुनाह कर दिया।
सारा हाट राहुल ने लूट लिया। एक लाजवाब पारी की दावत दी। इस अंदाज में खेले मानो टेस्ट मैच की पारी को अंजाम दे रहे हो। गेंदबाजों से ज्यादा बड़ा क्राइम विराट ने किया। जमे हुए राहुल के दो हलवा कैच उन्होंने इस अंदाज में टपकाए मानो कोई औघड़ हो। ऐसे कैच क्लब क्रिकेट में भी कोई बच्चा नहीं छोड़ता। भयानक परिणाम के रूप में राहुल ने मात्र 60 गेंदों में 132 रनों की नाबाद तूफानी पारी खेली जिसमें 14 चौके और 7 छक्के उड़ गए। राहुल आईपीएल का ऐसे पहले कप्तान बन गए जिन्होंने शतक जमाया और अंतिम चार ओवर में 74 रन कूट दिए। जवाब में रॉयल चैलेंज दारु कम पानी ज्यादा रही और विराट की हेकड़ी का नशा चढ़ने से पूर्व ही उतर गया। अश्विन,बिश्नोई ने तीन, तीन तथा कौन्टरेल ने 2 विकेट अपने नाम कर टीम को 97 रनों की विशाल जीत दिलाई। सच तो यही है की शांत सयंमी राहुल ने अपने प्रदर्शन से तुनक मिजाज विराट को बौना साबित कर दिया। तेवर महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि एक्शन ज्यादा महत्वपूर्ण है। संभल जाओ विराट अन्यथा बैलगाड़ी भी नसीब नहीं होगी।