इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा कान्ह नदी में इंडस्ट्रीयल वेस्ट छोड़ने वाले उद्योगों की जांच हेतु दल गठित किया गया है। गठित जांच दल में प्रशासनिक अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी व नगर निगम, इन्दौर के अधिकारी शामिल हैं। बुधवार 29 दिसम्बर को अपर कलेक्टर पवन जैन की अगुवाई में जांच दल ने बड़ी करवाई करते हुए मेसर्स रूचि सोया इण्डस्ट्रीज, तलावली चांदा, ए.बी. रोड़, मांगलिया, इन्दौर का प्रशासनिक भवन सील कर दिया है।
पाइप लाइन बिछाकर नाले में छोड़ा जा रहा था दूषित पानी।
यहां जांच के दौरान पाया कि रूचि सोया द्वारा चोरी-छिपे जमीन के अंदर लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाकर उद्योग का दूषित जल नाले में छोड़ा जा रहा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा इस दूषित जल का वैधानिक नमूना, जल प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 21 के तहत् नोटिस देकर लिया गया। जिला प्रशासन द्वारा उद्योग का प्रशासनिक भवन सील कर 24 घण्टे के अंदर पाइप लाइन हटाने के निर्देश दिए गए।
इसी तरह मेसर्स सतगुरू इंजीनियरिंग, प्लॉट नं. 31, अवन्तिका नगर, सेक्टर-ए, मेसर्स ललित नमकीन 365-ए अवन्तिका नगर सेक्टर-ए, मेसर्स सोनू वेफर्स, 22 अवन्तिका नगर, सेक्टर-ए, मेसर्स तिरूपति फॉर्मा, 1, अवन्तिका नगर, सेक्टर-ए, इन्दौर द्वारा दूषित जल का निपटान बिना सी.ई.टी.पी. के माध्यम से करने पर उक्त सभी इकाइयों का उत्पादन बंद कराया गया।
मेसर्स गणेश स्टिच वायर कंपनी, अवन्तिका नगर सेक्टर-ए, इन्दौर, जो वॉयर गेल्वनाईजिंग का कार्य करती है, इसमें विभिन्न रसायनों का उपयोग किया जाता है। बिना उपचार के ही इसका केमिकल वेस्ट सीधे ही नरवर नाले में छोड़ा जा रहा था। नाले के पानी को हानिकारक केमिकल से प्रदूषित करने पर उद्योग को तत्काल सील करने की कार्रवाई की गई।