लालबाग परिसर में मालवा उत्सव बना स्वाद, संस्कृति और लोक कला का संगम

  
Last Updated:  May 10, 2025 " 05:33 pm"

मालवी शिल्प, लोक कला और व्यंजन कर रहे लोगों को आकर्षित।

इंदौर : मालवा उत्सव इंदौर की पहचान बन चुका है। मालवा ही नहीं देश की लोक कला एवं शिल्प कला को समृद्ध करने का कार्य लोक संस्कृति मंच द्वारा किया जा रहा है। लालबाग परिसर में आयोजित मालवा उत्सव में लोक संगीत, नृत्य, शिल्प कला और लजीज व्यंजन लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि शिल्प मेला प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से प्रारंभ हो रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ का ब्लैक आयरन शिल्प व ब्रास शिल्प यहां मौजूद है। नागालैंड का ड्राई फ्लावर, उत्तर प्रदेश के कालीन, महेश्वर की साड़ियां यहां भी यहां उपलब्ध हैं। लगभग 350 से अधिक शिल्पकार अपनी कला प्रदर्शित करने एवं बनाए गए उत्पाद विक्रय करने यहां आए हैं।

लोक संस्कृति मंच के सतीश शर्मा एवं विशाल गिद्वानी ने बताया कि दूसरे दिन शुक्रवार को मालवा उत्सव में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले के राजमुंदरी से आए 15 कलाकारों ने भगवान की सेवा परंपरा पर आधारित वैरा नाचयम नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें धोती एवं लाल कुर्ते के साथ ताशा, नादस्वरम, डंके रूपी वाद्य का अनूठा प्रयोग इस नृत्य में प्रस्तुत किया गया। कुंवारी कन्याओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य नौरता जिसे बुंदेलखंड अंचल में अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए किया जाता है सुंदर बन पड़ा था। मध्य प्रदेश के डिंडोरी से आए बैगा जनजाति के कलाकारों द्वारा बैगा करमा नृत्य, जिसे दशहरे पर फसल काटने के समय एवं पारिवारिक कार्यक्रमों में खुशी के लिए किया जाता है, प्रस्तुत किया गया। छोटा उदयपुर गुजरात से आए कलाकारों द्वारा गुजरात का प्रसिद्ध राठवा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें पिरामिड बनाकर लोगों की दाद बटोरी गई। नेशनल स्कूल की श्वेता श्रीवास्तव एवं साथियों द्वारा मालवा की राजपूतानियों के रूप मे नृत्य एवं तलवार रास प्रस्तुत किया गया। अपूर्वा गुप्ता एवं साथियों द्वारा विष्णु के 10 अवतारों का वर्णन अंगों एवं मुद्राओं की सहायता से खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया अमित साखरे एवं साथियों द्वारा। कथक के माध्यम से शिव स्तुति तीन ताल में शुद्ध नृत्य उपज, ठाट, आमद, तोड़े प्रस्तुत किए गए। कविता तिवारी एवं साथियों द्वारा नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय पर सुंदर प्रस्तुति दी गई।

मालवी व्यंजनों ने लुभाया :-
लोक संस्कृति मंच के पवन शर्मा एवं संकल्प वर्मा ने बताया कि देश के लोगों की स्वाद की पसंद बन चुके मालवा के व्यंजन यहां भी लोगों की खास पसंद बने हुए हैं। लोग जहां दाल बाटी का लुत्फ उठा रहे हैं, वहीं मालवा की मटका कुल्फी भी ठंडक दे रही है। गुजरात के व्यंजन, मुंबई का वड़ा पाव एवं साउथ इंडियन इडली डोसा भी यहां खूब पसंद किए जा रहे हैं।
11 मई के कार्यक्रम :-
नितिन तापड़िया ने बताया कि 10 मई को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में घूमर, छाऊ पश्चिम बंगाल वीर नाट्यम पंथी ढोलकुनीथा, प्राचीन गरबा एवं स्थानीय प्रस्तुतियां होंगी।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कंचन गिद्वानी, मुद्रा शास्त्री ,रितेश पाटनी, सोना कस्तूरी, जुगल जोशी, मुकेश पांडे, विकास केतले एवं बियानी जुटे हुए हैं।

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