नारी शक्ति पुरस्कार भी दिए गए।
इंदौर : लोक संस्कृति मंच द्वारा शुरू किए गए आत्म निर्भर भारत प्रशिक्षण केंद्र के बैनर तले ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत मातृशक्ति को उल्लेखनीय कार्यों के लिए महिला दिवस के परिप्रेक्ष्य में सम्मानित किया गया।
लोक संस्कृति मंच के संयोजक शंकर लालवानी ने बताया कि पिछले वर्ष से शुरू किए गए इस आयोजन का उद्देश्य महिला शक्ति को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना हैं। ग्रामीण समाज की महिलाएं इससे प्रेरणा लेकर आगे आए और समाज में कार्य करते हुए देश और समाज को समृद्ध व प्रगतिशील बनाएं ।
शांतू संपत्ति चैरिटेबल ट्रस्ट की चन्द्रिका कुम्भानी, प्रीति जागीरदार ,धर्मेश जागीरदार और निलेश उपाध्याय ने बताया कि इस आयोजन की विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक एवं मुख्य अतिथि पद्मश्री शांति परमार और रमेश परमार थे अध्यक्षता सांसद शंकर लालवानी ने की।
इस अवसर पर शंकर लालवानी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कोविड-19 के समय ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को काम करते देखा जो परिवार की आर्थिक स्थिति भी संभाल रही थी इन महिलाओं को आगे लाने का संकल्प लिया और ग्रामीण गौरव सम्मान पिछले वर्ष हमने शुरू किया। राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक ने कहा की महिलाएं परिश्रम की पराकाष्ठा करती हैं। यह बहने घर परिवार संभालने के साथ परिवार की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने का काम कर रही है इन बहनों को उड़ने का मौका मिलना ही चाहिए।
लोक संस्कृति मंच द्वारा संचालित आत्मनिर्भर भारत प्रशिक्षण केंद्र की एकता मेहता ने बताया कि सम्मान की श्रृंखला में सर्वप्रथम “गोधन सम्मान” है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में गौ सेवा करने वाली, गोबर के कंडे या अन्य कलात्मक आर्टिकल बनाने वाली, गोधन उत्पादों दूध आदि संबंधी उल्लेखनीय कार्य करने वाली ,उन्नत व जैविक कृषि कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। “नारी कौशल सम्मान” ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका हेतु नवाचार करने वाली, ग्रामीण स्टार्ट अप कार्य करने वाली, संघर्ष की राह पर चलकर परिवार के लालन पालन हेतु उल्लेखनीय उद्मम करने वाली, ग्रामीण कलात्मक उत्पाद तैयार करने वाली ,बांस से बने उत्पाद झाड़ू तथा लोककला, लोक चित्रकारी करने वाली महिलाओं को दिया गया।
एकता मेहता ने बताया कि गोधन सम्मान में मटका खाद एवं जैविक खाद के लिए किरण यादव सिमरोल, गोमूत्र से सामग्री निर्माण के लिए अनामिका यादव आगरा, गोबर से सामग्री निर्माण के लिए संतोष बाई धाकड़ हातोद, जैविक खाद के लिए डॉ रुचि कुरापा बिचोली हप्सी, गौ सेवा के लिए प्रेमलता परमार रानीपुरा को सम्मानित किया गया। वही नारी कौशल में बुनाई एवं रोजगार के लिए कमला पाटीदार गवली पलासिया, कलात्मक चूड़ियों के लिए मंजू चौहान हातोद, कलात्मक मूर्तियों के लिए गुलाब बाई प्रजापत गौतमपुरा ,रोजगार प्रदान करने के लिए हेमलता डागर हातोद एवं जनजाति बच्चों की शिक्षा के लिए अरुणा द्विवेदी महू गांव को सम्मानित किया गया।
नारी शक्ति पुरस्कार इन्हें दिया गया।
विशेष नारी शक्ति पुरस्कार आशा सिंह परमार मांगलिया खेड़ी महू एवं सिमरन सिंह सोलंकी गंगलिया खेड़ी को दिया गया। इन्होंने बॉडी बिल्डिंग एवं शस्त्र कला में प्रशिक्षण दिया और स्वयं पुरस्कार प्राप्त किए। निर्णायक डॉक्टर दीपा व्यास और माला सिंह ठाकुर थी। कार्यक्रम का आयोजन जीएसआईटीएस के मुख्य ऑडिटोरियम में रखा गया था। कार्यक्रम में शामिल होने वाली सभी महिलाएं ग्रामीण परिवेश में सज धज कर आई थी। कार्यक्रम के आयोजक एवं कार्यकर्ता भी ग्रामीण परिवेश में नजर आए। कार्यक्रम स्थल पर हाथ से बने मसाले, जैविक खाद व हाथ से बनी चूड़ियां भी प्रदर्शित की गई थी।