अभयजी के छोटे भाई विमल छजलानी की पत्नी भी नहीं रहीं।
रीजनल पार्क मुक्तिधाम पर होगा अंतिम संस्कार।
इंदौर : वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक नईदुनिया के कुछ वर्ष पूर्व तक प्रधान संपादक व मालिक रहे पद्मश्री अभय छजलानी का गुरुवार को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।छजलानी परिवार पर एक और वज्रपात हुआ जब अभयजी के छोटे भाई विमल छजलानी की पत्नी सुशीलादेवी का भी देहावसान भोपाल में हो गया। दोनों दिवंगतों की अंतिम यात्रा आज(23 मार्च) शाम 5 बजे केशर बाग रोड स्थित निज निवास से रीजनल पार्क मुक्तिधाम जाएगी।
जीवन परिचय :-
हिंदी पत्रकारिता को ऊंचा मुकाम दिलाने वाले अभय छजलानी का जन्म 4 अगस्त 1934 इंदौर में हुआ था। उन्होंने 1955 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। 1963 में उन्होंने नईदुनिया के कार्यकारी संपादक का कार्यभार संभाला। बाद में लंबे अरसे तक नईदुनिया के प्रधान संपादक रहे। वर्ष 1965 में उन्होंने पत्रकारिता के विश्व प्रमुख संस्थान थॉमसन फाउंडेशन, कार्डिफ (यूके) से स्नातक की उपाधि ली। हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र से इस प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले वे पहले पत्रकार थे। हिन्दी पत्रकारिता की कोंपलों को उन्होंने बहुत करीने से सहेजकर पल्लवित होने में मदद की।
अभय छजलानी भारतीय भाषाई समाचार पत्रों के शीर्ष संगठन इलना के तीन बार अध्यक्ष रहे। वे 1988,1989 और 1994 में संगठन के अध्यक्ष रहे। इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) के 2000 में उपाध्यक्ष और 2002 में वे अध्यक्ष रहे। अभयजी 2004 में भारतीय प्रेस परिषद के लिए मनोनीत किए गए, जिसका कार्यकाल 3 वर्ष रहा। उन्हें 1986 का पहला श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था।1995 में वे मप्र क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष बने।उन्हें ऑर्गनाइजेशन ऑफ अंडरस्टैंडिंग एंड फ्रेटरनिटी द्वारा वर्ष 1984 का गणेश शंकर विद्यार्थी सद्भावना अवॉर्ड वर्ष 1986 में राजीव गाँधी ने प्रदान किया था। पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1997 में जायन्ट्स इंटरनेशनल पुरस्कार तथा इंदिरा गाँधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार प्रदान किया गया। ऑल इंडिया एचीवर्स कॉन्फ्रेंस ने दिल्ली में 1998 में उन्हें राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से नवाजा था। उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।