वाणिज्यिक कर विभाग ने पकड़ी करोड़ों की कर चोरी

  
Last Updated:  May 29, 2022 " 07:50 pm"

इंदौर, जबलपुर, सागर एवं राजगढ़ जिलों में आठ व्यवसायियों पर एक साथ कड़ी कार्रवाई।

इंदौर : बड़े पैमाने पर कर चोरी की जानकारी के आधार पर कमिश्नर वाणिज्यिक कर लोकेश कुमार जाटव एवं उनके सहयोगी 70 अधिकारियों की टीम ने इंदौर, जबलपुर, सागर एवं राजगढ़ जिलों में आठ व्यवसाइयों के 14 व्यवसायिक स्थानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई करते हुए कर चोरी पकड़ी।
टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया। गोपनीय रूप से व्यवसायियों के वित्तीय व्यवहार और व्यवसायिक स्थल की जानकारी एकत्र की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर एक साथ छापे की कार्रवाई की गई।
जाँच में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की फर्मो के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं, जिनके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में लगभग 40 से 50 करोड़ रूपये की नियम विरुद्ध खरीदी एवं बिक्री उजागर होने की संभावना है। इसमें 7 करोड़ की कर चोरी की गई है। कार्रवाई के दौरान दोषी व्यवसायियों द्वारा स्वैच्छिक रूप से एक करोड़ की राशि जमा की गई है। शेष राशि भी जल्दी जमा करवाई जाएगी।

बोगस फर्म, बोगस बिलिंग।

मेसर्स भूमिजा इस्पात आयरन स्टील की रोलिंग मिल है, जिसमें सरिये का निर्माण किया जाता है। यह फैक्ट्री मनेरी औद्योगिक क्षेत्र जिला मंडला में स्थित है। मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एण्ड स्टील, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील, मेसर्स जबलपुर स्टील एवं श्री शाकम्बरी फेरस लिमिटेड जबलपुर में स्थित हैं। श्री बालाजी उद्योग सागर, मेसर्स पीडी इंटरप्राइजेज एवं मेसर्स मंगल इंटरप्राइजेज ब्यावरा जिला राजगढ़ में स्थित है। इन व्यवसायियों द्वारा प्रमुख रूप से आयरन स्क्रेप एवं ट्रेडिंग का काम किया जाता है। छापे के दौरान कई प्रकार की अनियमितताएँ सामने आई। इस बात के प्रमाण मिले हैं कि रोलिंग मिल द्वारा बिना बिल के आयरन स्क्रेप की खरीदी कर उसका सरिया बनाकर बिना बिल के ही बेचा जा रहा है। साथ ही माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही बोगस बिलिंग करके इनपुट टैक्स क्रेडिट का ट्रांसफर का काम किया जा रहा है। इसी प्रकार जो व्यवसाई सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं उनके विरुद्ध इस बात के तथ्य सामने आए हैं कि वे माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही बोगस बिलिंग कर इनपुट टैक्स का ट्रांसफर करते हैं। यह तथ्य भी सामने आया है कि इनके द्वारा माल के परिवहन के लिए जो ई-वे बिल डाउनलोड किए गए थे, उनमें से कई बिल दो पहिया वाहन के पंजीयन नम्बर के आधार पर जारी किये गये थे।
मेसर्स बालाजी उद्योग सागर फर्म बोगस मिली है। व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय करना नहीं पाया गया है। इनके द्वारा केवल बिलों का आदान-प्रदान किया जा रहा था। साथ ही मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एंड स्टील कंपनी जबलपुर का छोटा बांगडरा इंदौर में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील जबलपुर का नैनपुर निवाड़ी में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल तथा शाकम्बरी फेरस प्राइवेट लिमिटेड जबलपुर का मनेरी – मंडला में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल भी अस्तित्वहीन पाया गया है।

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