नई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब सवा दो महीनों से राजधानी दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को लेकर राज्यसभा में पिछले तीन दिनों से लगातार चर्चा हो रही है। शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी। कोई हमें बताए कि कानून के किस प्रावधान में किसानों की जमीन छीनने का जिक्र है? उन्होंने कहा, ”विपक्ष और किसान संगठन बताएं कि इस कानून में काला क्या है?” कृषि मंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया।
सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध- तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकारों ने पंचायतों का विकास करके उन्हें मजबूत किया है.उन्होंने कहा कि वित्तीय आयोग की सिफारिशों के मुताबिक पंचायतों को पैसा दिया गया है। उन्होंने कहा कि गांव में अगर किसी शख्स के घर से सड़क गुजर रही है तो उसके मुआवजे का आंकलन भी शहरों की तरह ही होगा।सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा, ”कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी की सरकार ने किया है, पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है।” उन्होंने कहा, ”मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त को भी कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारें थी, उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।”
मनरेगा योजना को लेकर तोमर ने कहा, ”कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था, लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया।”
विपक्ष और कानून संगठन बताएं कि इस कानून में काला क्या है?- तोमर
कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री ने कहा, ”देश में सिर्फ एक राज्य के किसानों को कानून को लेकर गलतफहमी है। किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी. कोई हमें बताए कि कानून के किस प्रावधान में किसानों की जमीन छीनने का जिक्र है?” उन्होंने कहा, ”मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जितना कोसना जरूरी था, उसमें भी कंजूसी नहीं की। मैं विपक्ष और किसान संगठनों से जानना चाहता हूं कि इस कानून में काला क्या है? पता तो चले, ताकि मैं उसे साफ कर सकूं। मैंने 12 बार किसानों को बैठक के लिए बुलाकर यही जानने की कोशिश की है.”
कांग्रेस खून से और बीजेपी पानी से करती है खेती- तोमर
तोमर ने आगे कहा, ”संधोधन में बदलाव के प्रस्ताव का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इन कानूनों में कुछ गलत है। कांग्रेस सिर्फ खून से खेती करना जानती है. बीजेपी सिर्फ पानी से खेती करती है।” उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के कानून में किसान जेल जा सकता है, लेकिन हमारे कानून में ऐसा कुछ नहीं है। किसान जब चाहे इस कानून से अलग हो सकता है।”
किसानों को लेकर नरेंद्र तोमर ने कहा, ”किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6 हजार रुपये का योगदान दिया है. आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से किसान के अकाउंट में भेजने का काम किया है।”