इंदौर : रविवार को नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित आभार सम्मेलन में बीजेपी के तमाम प्रादेशिक नेताओं ने भी अपने विचार रखे। कांग्रेस के साथ सीएम कमलनाथ सभी के निशाने पर रहे। पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह वोटबैंक के चलते नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रम फैला रही है। मुट्ठीभर लोग इसका विरोध कर रहे हैं। ये कानून लागू होकर रहेगा। शिवराज ने कहा कि भारत ने पहले भी प्रताड़ित लोगों को शरण दी है। उन्होंने सीएम कमलनाथ को नसीहत दी कि वे विस्थापितों का दर्द महसूस करें। संवैधानिक पद पर रहते नागरिकता कानून का विरोध प्रदर्शन करना उन्हें शोभा नहीं देता। अगर विरोध करना ही है तो वे पहले सीएम पद से इस्तीफा दें। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस मप्र को आग में झुलसाना चाहती है। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को विस्थापितों के लिए नया सवेरा बताया।
अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ खड़ें हों।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने सबसे पहले तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। आज उनका सपना पूरा हुआ है। नागरिकता संशोधन कानून 50 साल पहले आ जाता तो हजारों बेटियों की जिंदगी तबाह होने से बच जाती। कैलाशजी ने कहा कि मुस्लिमों को सफेद झूठ बोलकर भड़काया जा रहा है। जबकि देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। यह कानून केवल विस्थापित होकर आए शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है। 80 फीसदी लोग इस कानून के समर्थन में हैं। अगर वे सड़कों पर निकल पड़े तो कांग्रेस को उसकी हैसियत पता चल जाएगी। कैलाशजी ने लोगों से आग्रह किया कि वे अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ उठ खड़े हों। उन्होंने प. बंगाल में मिनी पाकिस्तान बनाने का आरोप ममता सरकार पर लगाया।
प्रताड़ित होकर आए ये शरणार्थी कहां जाएंगे, जवाब दे कांग्रेस।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का स्वागत करते हुए खुलासा किया कि वे मप्र के दामाद हैं और जबलपुर उनका ससुराल है।इस नाते श्री नड्डा का मप्र से गहरा नाता है। राकेश सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर जुल्म का शिकार होकर भारत आए ये विस्थापित कहां जाएंगे..? कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह ने सीएम रहते इन विस्थापितों की पीड़ा को समझा और उन्हें आश्रय दिया। अब जब नागरिकता संशोधन कानून के जरिये उन्हें देश की नागरिकता मिलने जा रही है तो कांग्रेस और कमलनाथ उनकी राह में रोड़े अटका रहे हैं।
धिक्कार है कमलनाथ सरकार पर..।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विस्थापितों के लिए 13 दिसंबर वास्तविक आजादी का दिन रहा जब संसद में नागरिकता कानून पारित हुआ। उन्होंने इस कानून के खिलाफ पैदल मार्च निकालने की घोषणा के लिए सीएम कमलनाथ को जमकर लताड़ लगाई और उन्हें धिक्कारा।
शरणार्थियों में देखा गया उत्साह।
आभार सम्मेलन में आए शरणार्थियों में नागरिकता मिलने की खुशी साफ नजर आ रही थी। सिंधी और सिख शरणार्थियों ने इसका इजहार भी श्री नड्डा का जमकर स्वागत करके किया। पीपल्यापाला मेन रोड से कार्यक्रम स्थल तक भांगड़ा करते हुए श्री नड्डा को लाया गया तो गेट से मंच तक सिंध के पारंपरिक नृत्य छेज के जरिये उनकी अगवानी की गई। कार्यक्रम स्थल पर भी तमाम लोग हाथों में पताकाएं और आभार की तख्तियां लिए पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के प्रति आभार जता रहे थे।