इंदौर : शरद पूर्णिमा पर जब चांद, बादलों की ओट से निकलकर अमृत बरसाने की जद्दोजहद में जुटा था, उसी दौरान स्पंदन डॉक्टर्स कल्चरल ग्रुप द्वारा चांद को समर्पित सुरीले गीतों की बानगी पेश की जा रही थी। ग्रुप द्वारा अपने 130 वे कार्यक्रम की यह प्रस्तुति रविवार 9 अक्टूबर की शाम रवींद्र नाट्यगृह गृह में दी गई। कार्यक्रम को नाम दिया गया था ‘चांद सितारों से निकला’ ।
पचास से अस्सी के दशक के चाँद से जुड़े गीत पेश किए गए।
कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े डॉ. संजय लौंढे ने बताया कि इस सुरीले कार्यक्रम में 1951 से 1975 तक के कालखंड के चांद को लेकर रचे गए फिल्मी गीत पेश किए गए। इन्हें चित्रगुप्त, रवि, मदनमोहन, ओपी नैय्यर, एसडी बर्मन, आरडी बर्मन, हेमंत कुमार जैसे दिग्गज संगीतकारों ने संगीतबद्ध किया है। डॉ. राजेन्द्र चौबे,डॉ. मनोज भटनागर,डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ.प्रमोद नीमा,डॉ. अमित वर्मा,डॉ. हेमंत मंडोवरा, डॉ.अतुल भट्ट,डॉ. पिनाक भटनागर,डॉ. मून जैन,डॉ. रूचि शाह और डॉ. निकिता भटनागर ने इन गीतों को अपने खुसूबसूरत अंदाज में गाया। संगीत संयोजन कपिल राठौर का था। उनकी टीम में अभिजीत गौड़ (की बोर्ड), रवि खेड़े (ढोलक), प्रशांत गौड़ (गिटार), गौतम भावसार (बांसुरी ) और रॉकी (तबला) शामिल थे।
शोला जो भड़के पर थिरके कदम।
डॉ. संजय लोंढे व डॉ.पिनाक भटनागर के गाए गीत ‘शोला जो भड़के, दिल मेरा धड़के’ पर हॉल में मौजूद बुजुर्ग से लेकर युवाओं तक सभी के पैर थिरकने लगे। इस गीत में तमाम डॉक्टर्स ने भी अपने स्वर मिलाए।
डॉ. अतुल भट द्वारा गाए ‘अखियन संग अखियां लागे आज’, डॉ. अमित वर्मा और डॉ. निकिता भटनागर के गाए चांद ने कुछ कहा, रात ने कुछ सुना, डॉ. राजेंद्र चौबे की पेशकश हुस्न से चांद भी शरमाया है, तेरी सूरत ने गजब ढाया है, डॉ. प्रमोद नीमा के ऐ दिल मेरे सुना कोई कहानी, डॉ. मनोज व पिनाक भटनागर द्वारा गाए आधा है चंद्रमा रात आधी, रह न जाए तेरी मेरी बात आधी जैसे गीतों को भी श्रोताओं की खासी दाद मिली। डॉ.हेमंत मंडोवरा और डॉ. रुचि शाह ने भी जगजीत सिंह की गजल ‘सरकती जाए रुख से नकाब, आहिस्ता आहिस्ता’ गाकर दाद बटोरी। करीब 26 गीत पूरे कार्यक्रम में पेश किए गए। कार्यक्रम का रोचक अंदाज में संचालन डॉ. संजय लोंढे ने किया।