♦️ नरेंद्र भाले ♦️
अधिकांश अवसरों पर विकेट के मिजाज में परिवर्तन नहीं आता। मिजाज ने भी करवट नहीं ली और जैसा अपेक्षित था मुंबई ने जमकर छक्कों की वर्षा की और इसी मैच में छक्कों का भी शानदार शतक बन गया। कहावत है कि भरोसे की भैंस अक्सर पाड़ा देती है , रोहित शर्मा ने आते ही जाने की जहमत उठाई और सूर्यकुमार यादव भी संक्षिप्त पारी खेलकर चलते बने। संकट अधिक गहरा जाता यदि मात्र 17 रनों पर खेल रहे डिकॉक का कैच मनीष पांडे लपक लेते, उनसे कैच तो छूटा ही गेँद छक्के के लिए सीमा पार चली गई।
निश्चित ही इस कैच को निर्णायक कहा जा सकता है। डिकॉक ने भी इस अवसर का भरपूर फायदा उठाया तथा मात्र 38 गेंदों में 4 छक्को की मदद से 67 रनों की मजबूत पारी खेल गए। अच्छा खेल रहे ईशान किशन (31 )को सीमा रेखा पर मच्छीगोता लगाकर मनीष पांडे ने लुभावने अंदाज में लपक लिया। क्योंकि इसके पूर्व वे एक चौका भी छोड़ चुके थे। हार्दिक पांड्या ने (28 )तथा पोलार्ड ने नाबाद 25 रनों की पारी खेली और टीम को 200 तक पहुंचाने के प्रयास किए।
वास्तव में इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय कृणाल पांड्या को जाता है। बंदे ने अंतिम 4 गेंदों पर दो छक्कों के साथ 20 रन लूट लिए। मैदान छोटा हो या बड़ा फर्क नहीं पड़ता जब वास्तव में गेंदबाज याॅर्कर लेंथ गेंदबाजी करें। हैदराबाद के नटराजन इस बात का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने अब तक खेले सभी मैचों में सर्वाधिक बावीस यॉर्कर फेंके हैं जबकि याॅर्कर मास्टर बुमराह उनके आसपास भी नहीं है। 209 के लक्ष्य के समक्ष डेविड वॉर्नर तथा बैरियस्टो ने तेज शुरुआत कर चार ओवर में 34 रन जोड़ लिए। आक्रामक बैरियस्टो (25 )को हार्दिक ने सीमा रेखा पर लपक लिया, गेंदबाज थे बोल्ट। बुमराह के पहले ही ओवर में वॉर्नर ने दो तथा पांडे ने एक चौका लगाकर उनका स्वागत किया। पांडे (16) का बेहद आसान कैच सीमा रेखा पर हार्दिक ने छोड़ा और गेंद चौके के लिए चली गई। चाहर की पहली गेंद पर मनीष पांडे ने 93 मीटर का छक्का उड़ाया जबकि तीसरी गेंद पर वॉर्नर ने। उम्दा खेल रहे मनीष पांडे (30) पोलार्ड को कैच थमा बैठे जबकि भरोसेमंद विलियमसन को बोल्ट ने डिकॉक के हाथों कैच करवाकर स्कोर बोर्ड के नट में जानलेवा बोल्ट कस दिया।
सारा दबाव वाॅर्नर पर आ गया। 14 ओवर में 3 विकेट पर जैसे तैसे 130 रन ही बने थे। पिछले मैच के हीरो प्रियम गर्ग को कृणाल की गेंद पर चाहर ने सीमा रेखा पर उम्दा अंदाज में लपक लिया। वॉर्नर के खौफ में कृणाल ने 12 वेँ ओवर में तीन वाइड गेंदे फेंक दी। इसके पूर्व भी वे तीन वाइड फेंक चुके थे। जब 30 गेंदों में 70 रनों की जरूरत थी वॉर्नर (60 ) का लाजवाब कैच ईशान किशन ने मच्छीगोता लगाकर लपक लिया। पहले 2 ओवर में 20 रन देने वाले बुमराह ने तीसरे में भी 14 रन दे दिए क्योंकि युवा अब्दुल समद ने उन्हें आसमान दिखा दिया। बोल्ट ने 18 वे ओवर में मात्र 4 रन देकर मैच मुंबई का पक्ष में पूरी तरह झुका दिया। अपने अंतिम ओवर में बुमराह ने समद से फिर छक्का खाया लेकिन इसी ओवर में 2 विकेट लेकर हैदराबाद की पराजय तय कर दी। छक्कों से लबरेज इस मैदान पर 34 रनों की जीत मायने रखती है क्योंकि सबसे छोटे लक्ष्य (209 )का पीछा करने में वॉर्नर की सेना नाकाम रही। जबकि क्रुणाल पांड्या (6 वाइड ) की मेहरबानी से हैदराबाद को 1 ओवर ज्यादा नसीब हुआ था लेकिन सनराइजर्स उसे भुनाने में पूरी तरह नाकाम रहे।