20 जून की शाम को होगा विश्वकसेन पूजन।
पूरे उत्सव में दिखेगी पर्यावरण व जल संसाधन,माँ अहिल्याबाई के 300 वे उत्सव के साथ अयोध्या के राम जी के मंदिर की झलक।
21 जुन को ध्वजारोहण के साथ होगा श्री ब्रम्होत्सव का शुभारम्भ। श्री रामानुज स्वामीजी की निकलेगी सवारी।
26 जुन को सजेगा मनोहारी पुष्प बंगला।
27 जुन को रथयात्रा देवस्थान से शाम 4 बजे नगर भ्रमण पर निकलेगी।
इंदौर : श्री लक्ष्मी – वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में परंपरागत ब्रह्मोत्सव और रथयात्रा महोत्सव आगामी 21 से 27 जून तक मनाया जाएगा। इस दौरान प्रभु वेंकटेश का महाभिषेक, तिरुपाड़ा उत्सव, विवाह उत्सव, परकाल स्वामी की लीला का मंचन जैसे आयोजन होंगे। इसी तरह मनोहारी पुष्प बंगला सजेगा। आखिरी दिन 27 जून को भव्य रथयात्रा देवस्थान से निकलेगी, प्रभु वेंकटेश रजत रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। महोत्सव के दौरान सातों दिन संत – महात्माओं के प्रवचन, भजन व कीर्तन के आयोजन भी होंगे।
गुरुवार को पत्रकार वार्ता में नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज ने मीडिया कर्मियों को यह जानकारी दी। ट्रस्ट के मंत्री रवीन्द्र धूत,ब्रम्होत्सव समिति के सत्यनारायण शर्मा, दिनेश गुप्ता, दिलीप परवाल, महेंद्र नीमा,भरत तोतला , सुमित मंत्री, शरद पसारी,प्रेम माहेश्वरी, गोपाल नागोरी,बालकिशन सिंगी,कैलाश मुंगड,राजेन्द्र सोनी और पंकज तोतला भी इस दौरान मौजूद रहे।
नागोरिया पीठाधीश्वर ने बताया कि 20 जून को दोपहर 3 वजे से श्री वेंकटेश महिला मंडल द्वारा सामूहिक सुंदरकांड पाठ किय्या जाएगा। सायंकाल में श्री विश्वक सेन पूजन करने के साथ गुरु चरणों का पूजन भी किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व आचार्यो का भी पूजन कर उत्सव की आज्ञा ली जाएगी। इस सात दिवसीय उत्सव को संपन्न कराने के लिए दक्षिण भारत से भटर स्वामी की लगभग 12 सदस्यों की टीम द्वारा इंदौर आ रही है।
21 जुन ध्वजारोहण के साथ होगा महोत्सव का शुभारंभ।
स्वामीजी ने बताया कि श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ होगा।इस अक्सर पर दक्षिण भारत से पधारे भट्टर स्वामी की टीम द्वारा दक्षिण की पद्ति अनुसार देवस्थान स्थित स्वर्ण खम्ब पर गरुड़ भगवान का ध्वज चढ़ाकर प्रार्थना की जाएगी कि यह सात दिवसीय उत्सव सानंद सम्पन्न हो।ध्वजारोहण नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज के सान्निध्य में होगा। इस अवसर पर श्री रंगम से आये नादस्वरम वाद्य यंत्रों से गोविंदा गोविंदा की मधुर धुन गुंजायमान की जाएगी। इसी के साथ शेषावतार श्री रामानुज स्वामी महाराज का रजत कलशो की सहस्त्रधारा से महाभिषेक किय्या जाएगा। रात्रि में श्री रामानुज स्वामी महाराज की सवारी निकलेगी, सुमधुर भजन पेश किए जाएंगे, साथ ही विशेष श्रृंगार दर्शन भी होंगे।
22 जुन को भगवती श्री महालक्ष्मी का महाभिषेक व सामूहिक कुमकुम अर्चना की जाएगी। इसके बाद मंदिर परिसर में भगवती श्री महालक्ष्मी की स्वर्ण मंगलगिरी पर शोभायात्रा निकलेगी। इस दौरान भजनों की प्रस्तुति भी दी जाएगी।
रजत कलशों से होगा महाभिषेक।
23 जून को प्रातः काल प्रभु वेंकटेश का तिरुमंजन अभिषेक रजत कलशों की सहस्रधारा से किया जाएगा। इसके बाद संत सभा का आयोजन होगा जिसमें देश भर से आये संतों के प्रवचन होंगे।रात्रि में प्रभु वेंकटेश हनुमान वाहन पर छोटी रथयात्रा के साथ छत्रीबाग में भक्तों को दर्शन देने भ्रमण पर निकलेंगे। पूरे छत्रीबाग को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। भजनों के साथ ही विशेष श्रृंगार दर्शन भी होंगे।
24 जुन को मनाया जाएगा तिरुपावडा उत्सव।
24 जून को देवस्थान में वसंतोत्सव मनाया जाएगा। प्रभु वेंकटेश का चंदन पावडर और हल्दी,आँवला,अरीठा से महाभिषेक किया जाएगा।इसके बाद दक्षिण भारतीय पद्धति से तिरुपावडा उत्सव मनेगा जिसमें इमली के चावल से तिरुपती बालाजी के दर्शन का निर्माण कर श्रृंगार किया जाता है। दर्शन के बाद भक्तों को इमली चावल का प्रसाद वितरण किया जाता है।
इसी दिन रात्रि में गरुड़ वाहन पर प्रभु वेंकटेश की शोभायात्रा भजनों व स्तोत्र पाठ के साथ निकलेगी।
25 जून को मनेगा प्रभु वेंकटेश का कल्याण उत्सव – विवाहोत्सव।
25 जून को प्रभु वेंकटेश की बारात निकलेगी और धूमधाम के साथ विवाहोत्सव मनाया जाएगा। प्रातः 10 बजे से प्रभु वेंकटेश की बारात निकलेगी साथ ही मां भगवती के साथ विवाह की सभी रस्में संपन्न होंगी। रात्रि में परकाल स्वामी की लीला का सुंदर चित्रण दर्शन होगा, जिसमें परकाल स्वामी भगवान को लूट कर ले जाते हैं फिर प्रभु के परिकर उन्हें पकड़कर प्रभु के सन्मुख लाते हैं।परकाल स्वामी की कथा भी संतो के माध्यम से बतायीं जाएगी।
26 जून को सजेगा मनोहारी पुष्प बंगला।
ब्रह्मोत्सव के तहत 26 जून को वेंकटेश देवस्थान में वृन्दावन के मुख्य कलाकारों के साथ इंदौर के कलाकारों द्वारा सुगन्धित पुष्पों और अन्य सामग्री से प्रभु वेंकटेश का दिव्य पुष्प बंगला सजाया जाएगा। इस वर्ष नए व अनुपम रूप में पुष्प बंगले में दर्शन करने को मिलेंगे।ऑनलाइन भी पुष्प बंगले के दर्शन किए जा सकेंगे।
27 जून को निकलेगी भव्य रथयात्रा।
सनातन संस्कृति के अनुरूप देश की तीसरी बड़ी रथयात्रा 27 जून को देवस्थान से निकलेगी। प्रभु वेंकटेश रजत रथ पर आरूढ़ होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। सैकड़ों श्रद्धालु भारतीय वेशभूषा धारण कर अपने हाथों से प्रभु के रथ को खींचते हुए चलेंगे। रथयात्रा में कई झांकियां भी शामिल होंगी। इन झांकियों के माध्यम से प्रभु भक्ति, गौ माता,माँ अहिल्याबाई का 300 वा जयंती वर्ष, हरियाली, जल संरक्षण और दक्षिण भारत के वाद्य यंत्रों की झलक नजर आएगी। हजारों की तादाद में श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल होंगे। कई स्थानों पर व्यापारिक, धार्मिक संगठनों द्वारा मंच लगाकर यात्रा का स्वागत किया जाएगा।
ब्रम्होत्सव के दौरान गादी घर में आचार्य प्रवर्तक शेषवतार श्री रामानुज स्वामी और पूर्व आचार्यो के जीवन काल पर सप्तदिवसीय दर्शन भी किए जा सकेंगे।