इंदौर : उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील सर्पदंश चिकित्सा के मामले में देशभर में पहचानी जाने लगी है। इसका श्रेय जाता है यहां के डॉ. सुरेश खटोड़ को। डॉ.खटोड़ यहां गीता हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चलाते हैं। उनके हॉस्पिटल में आए दिन सर्पदंश से पीड़ित मरीज इलाज के लिए आते हैं। उन्होंने अबतक 5 हजार सर्पदंश से पीड़ित मरीजों का सफल इलाज किया है। सभी मरीज ठीक होकर उनके हॉस्पिटल से गए। इसके चलते सर्पदंश रोग विशेषज्ञ के रूप में वे देश- प्रदेश में पहचाने जाने लगे।
हाल ही में उन्होंने सर्पदंश से पीड़ित एक ऐसी महिला की जान बचाई जो लगभग मौत के कगार पर पहुंच चुकी थी।
रसेल वाइपर सांप के काटने से हो रहा था गम्भीर रक्तश्राव।
डॉ. खटोड़ ने बताया धार जिले के ग्राम खेरवास की निवासी 30 साल की रेखा पति सुरेश भील को खेत में काम करने के दौरान रसेल वाइपर प्रजाति के सांप ने चेहरे पर डस लिया। रसेल सांप के चेहरे पर काटने का विश्व में ये पहला मामला है। डॉ. खटोड़ के मुताबिक रेखा के पति और ग्रामीणों ने पहले झाड़- फूंक का सहारा लिया, जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तब उसे अस्पताल लाया गया। उसकी हालत मरणासन्न हो चली थी। चेहरे, मुंह, श्वसन तंत्र और आहार नली में सूजन आ गई थी। वेंटिलेटर से भी श्वसन क्रिया जारी रखना सम्भव नहीं था। ऐसे में डॉ. वनिता खटोड़ ने गले में ऑपरेशन के जरिये सांस देने की प्रक्रिया शुरू की। डॉ. खटोड़ ने बताया कि मरीज की हालत को देखते हुए विष प्रतिरोधी पूरा डोज मरीज को दिया गया। इसके बाद भी मरीज के मुंह, आंखे, होंठ और फेफड़ों से रक्तस्राव शुरू हो चुका था। फेफड़ों से रक्तस्राव का ये दुर्लभ मामला था। इसके पहले 2015 में इसीतरह के मामला श्रीलंका में सामने आया था। उस मरीज की 10 दिन तक चले इलाज के बाद मौत हो गई थी। महिला रेखा को रक्तस्राव के साथ गंभीर इंफेक्शन, हिमोलिसिस, किडनी पर असर भी पड़ने लगा था। डॉ. खटोड़ ने बताया कि तमाम चुनौतियों से जूझते हुए रेखा का इलाज जारी रखा गया। आखिर इलाज का असर हुआ और रेखा तीन सप्ताह बाद स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट गई।
डॉ. खटोड़ के मुताबिक ये एक ऐसा केस था जो मेडिकल हिस्ट्री में अद्वितीय है।
माधुरी दीक्षित के हाथों सम्मान।
सर्पदंश के शिकार 5 हजार लोगों की जान बचाने की असाधारण उपलब्धि के चलते गोवा में आयोजित समारोह में अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के हाथों डॉ. सुरेश खटोड़ को इंटरनेशनल ग्लोरी अवार्ड से नवाजा गया।
चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव।
डॉ. खटोड़ ने कहा कि सर्पदंश के चलते प्रतिवर्ष हमारे देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इसका बड़ा कारण चिकित्सकों को सर्पदंश के इलाज के बारे में जानकारी न होना है। डॉ. खटोड़ के अनुसार वे देश- प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में डॉक्टरों को सर्पदंश के इलाज को लेकर प्रशिक्षित करना चाहते हैं ताकि हजारों लोगों की सांप के काटने से होनेवाली मौतों को रोका जा सके। उन्होंने सरकार से इस मामले में पहल करने का अनुरोध किया है।