धार : प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म विभाग की मंत्री और औद्योगिक नीति निवेश एवं प्रोत्साहन मंत्री ने शनिवार को मांडू में आयोजित तीन दिवसीय मांडू उत्सव का द्वीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। शुभारंभ के पश्चात यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। साथ ही कबीर कैफे बेंड की प्रस्तुति भी दी गई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि विभाग ने कोविड के दौर में प्रयास किया है कि परम्पराओ में कोई व्यवधान न आए । इस बार मांडू उत्सव को छोटा स्वरूप दिया है। कोविड काल में भी विभाग द्वारा क्रांतिकारियों के चित्रों को लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें 3 हजार 500 लोगों ने भाग लिया। पर्यटन मंत्री ने कहा कि मांडू को परमार कालीन राजाओं ने बसाया है। विंध्याचल की सुंदर वादियों में मांडू बसा है। उन्होंने कहा कि मांडू कैसा हो? उसका स्वरूप कैसा हो ? उसका सुझाव विभाग को लिखकर भेजे। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगला मांडू उत्सव अपने भव्य स्वरूप में नजर आएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री दत्तीगांव ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास सरकार व पर्यटन विभाग कर रहा है। मांडू की धरोहर बाज बहादुर व रानी रूपमती की गाथाओ से भरी हुई है। यहां टूरिज्म की संभावना बहुत अधिक है। विभाग ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। टूरिस्ट होम स्टे होकर आम ग्रामीण जीवन को एक बेहतर पहचान पाएंगे। इसके पहले राजस्थान में ऐसे प्रयास किए जा चुके है। यहां भी हम वैसी सुविधाए देने के प्रयास करेंगे। हम प्रयास करेंगे की यहां कि प्रतिभाओ को 12 माह रोजगार पाने का अवसर मिले।
प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन पर्यटन निगम की अतिरिक्त एमडी सोनिया मीणा ने दिया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष मालती पटेल, स्थानीय विधायक पाचीलाल मेढ़ा, राजीव यादव सहित जनप्रतिनिधि गण, कलेक्टर आलोक कुमार सिंह,एसपी आदित्य प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की कवायद के साथ शुरू हुआ मांडू उत्सव
Last Updated: February 14, 2021 " 05:43 pm"
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