इंदौर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इंदौर महानगर द्वारा विभिन्न महाविद्यालयों के युवाओ (छात्र-छात्राओं) के लिए साइबर-अपराध सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विद्यार्थी मंथन कार्यक्रम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के स्कूल ऑफ डेटा साइन्स सभाग्रह में आयोजित किया गया। इस दौरान “साइबर सुरक्षा” पर साइबर विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने अपने विचार रखे। विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र – छात्राओं, प्राध्यापकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। साइबर विशेषज्ञ श्री रावल ने साइबर अपराध से संबंधित विषयों पर छात्र, छात्राओं को जानकारी देने के साथ उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। साइबर एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल ने आईटी एक्ट का विस्तृत परिचय देते हुए इसकी आवश्यकता व उत्पत्ति पर भी प्रकाश डाला। श्री रावल ने एशियाई देशों के लोगों द्वारा इंटरनेट पर 70% अश्लील सामग्री (पॉर्न कंटैंट) देखे जाने की भी जानकारी देकर इसके दुष्परिणामों से अवगत कराया। साइबर सुरक्षा से संबंधित छोटे छोटे पहलुओं जैसे थर्ड पार्टी एप true caller को कब और कैसे डाउनलोड व उपयोग करने के बारे मे बड़ी ही बारीकी से समझाया। उन्होंने धारा 66-E व 65-B व 354-C के बारे में बताया की यदि कोई महिला के बिना इजाजत के आपत्ति जनक स्थिति मे फोटो खींचता है या वीडियो बनाकर कहीं डालता है, या अपने दोस्तों को बताता है तो आईटी एक्ट मे इसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान है। उन्होने ऑनलाइन दुनिया मे साइबर बुलिङ्ग या अपशब्दो के प्रयोग न करने की सलाह देते हुए चेतावनी दी की अपराध सिद्ध होने पर आप पर आईटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई हो सकती है।
श्री रावल ने बताया कि आजकल कॉलेज के छात्रों के साथ स्कूल के बच्चे भी सिगरेट, नशीला पाउडर व शराब का नशा करने लगे हैं, जिससे कम उम्र मे ही उनके आतंरिक अंग ख़राब हो जाते हैं। जरूरत है कि हम अपने परिवार के सदस्यों को नशा करने से रोकने का प्रयास करें। अंत में, प्रो. रावल ने छात्र, छात्राओं व प्राध्यापकों के विभिन्न सवालों के भी जवाब दिए। कार्यक्रम का संचालन कामाख्या गौड़ द्वारा किया गया।