इंदौर : गीता भवन हास्पिटल का कायाकल्प किया जा रहा है। इसका शुभारंभ 12 दिसम्बर को गीता जयंती महोत्सव के साथ ही होगा। यह कायाकल्प कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरेटिबल ट्रस्ट के टीकमचंद गर्ग एवं राजेश गर्ग केटी के सौजन्य से किया जा रहा है। इस कायाकल्प पर करीब 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन एवं सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी ने बताया कि चार मंजिला गीता भवन हास्पिटल का निर्माण बाबा बालमुकुंद द्वारा 53 वर्ष पूर्व किया गया था। तब यह केवल नेत्र चिकित्सालय था। धीरे-धीरे हास्पिटल में अन्य रोगों के उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती रही हैं। वर्तमान में गीता भवन और बीएम मित्तल हास्पिटल में कुल 140 बिस्तरों की क्षमता है। अस्पताल में 50 चिकित्सक प्रतिदिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एमवाय अस्पताल के बाद सर्वाधिक ओपीडी मरीजों की संख्या वाला किसी पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित यह पहला हास्पिटल है, जहां अब स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट भी काम करने लगा है। इस प्लांट पर प्रतिदिन 100 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्सर्जन हो रहा है। इस पर लगभग 80 लाख रुपए की लागत आई है। अब कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरेटिबल ट्रस्ट के सहयोग से यहां 7 करोड़ रुपए की लागत से पूरे हास्पिटल का कायाकल्प किया जा रहा है। चार मंजिला इस अस्पताल में तीसरी मंजिल का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि दूसरी मंजिल का काम गीता जयंती महोत्सव के साथ 12 दिसम्बर से प्रारंभ होगा।
मुहैया कराई जाएंगी ये सुविधाएं।
कायाकल्प के दौरान हास्पिटल में नए पलंग, नई टेबलें, फर्नीचर, वातानुकूलित उपकरण, टीवी, नया कैंटीन और मरीजों के लिए प्रतीक्षालय का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही अस्पताल परिसर की खुली जमीन पर भूमिगत पार्किंग बनाने की योजना भी है। कायाकल्प के बाद यहां सोनोग्राफी, एक्स-रे, पैथॉलॉजी का आधुनिक मशीनों के अलावा आर्थोपीडिक वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, आकस्मिक चिकित्सा वार्ड सहित अनेक नई सुविधाएं भी आम मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगी। अस्पताल को एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर हास्पिटल्स) से मान्यता, आयुष्मान कार्ड एवं मेडिक्लेम पॉलिसी से उपचार की सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। तब यह ईएसआई के समकक्ष हास्पिटल हो जाएगा। वैसे भी कोरोना काल में गीता भवन हास्पिटल ने करीब 700 मरीजों का बहुत ही किफायती दाम पर सफल उपचार किया है। अब ओमिक्रॉन की आशंका को देखते हुए हास्पिटल ने अपनी तैयारियां पूरी कर रखी हैं। वर्तमान में यहां 180 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।