इंदौर : स्व.चारुदत्त पारोलकर बेहद विनम्र,सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी थे।वे दूसरो में अच्छाइयां ढूंढते थे और काम के प्रति पूर्णतः ईमानदार थे। वे सभी को सहयोग करते थे।
ये विचार प्रबुद्ध जनों ने प्रीतम लाल दुआ सभागृह में आयोजित शोक बैठक में स्व. पारोलकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए व्यक्त किए। पूर्व ग्रंथपाल जीडी अग्रवाल ने कहा की प्रीतमलाल दुआ सभागृह को स्व. पारोलकर जैसा कर्मशील,कर्मठ और ईमानदार व्यक्ति मिलना अब मुश्किल है। प्रवीण गाड़े ने कहा कि स्व.पारोलकर से मेरा बहुत पुराना आत्मीय रिश्ता रहा,वे मेरे पिता समान थे।लोकेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि स्व.पारोलकर की याद में प्रतिवर्ष 20 फरवरी को एक संगीत आदरांजलि का कार्यक्रम किया जाएगा। प्रवीण जोशी ने कहा कि स्व. पारोलकर अपने काम के प्रति पूर्णतः निष्ठावान थे।शोक बैठक में देवी अहिल्या लाइब्रेरी की ग्रंथपाल लिली डाबर,प्रवीण खारीवाल,सत्यनारायण व्यास,हरिराम वाजपेई, पायल भगत,अनिल धड़वाईवाले विजय जोशी, वर्षा सिरसिया, यशवंत खंडागले,भोजराज ताराचंद,ज्योति तोमर,आरती भावसार, डा. निर्मल महाजन, संजय शिंदे,रवीन्द्र पुरंदरे,उल्हास गुर्जर, रिंकी पटेल ,चंदकांत पराड़कर,आदि ने भी स्व. चारुदत्त पारोलकर को अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की।
सादगी, सरलता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे स्व. पारोलकर
Last Updated: February 23, 2022 " 04:01 pm"
Facebook Comments